कोरोना की दूसरी लहर में छूट गई तंबाकू और सिगरेट की लत
विश्व तंबाकू निषेध दिवस कोरोना संक्रमित होने का खतरा बढ़ने के साथ ही हो सकता है घातक पांच साल तक लगातार तंबाकू का सेवन करने से मुंह के कैंसर का खतरा
आगरा, जागरण संवाददाता, कोरोना की दूसरी लहर में तंबाकू और सिगरेट की लत छूट गई। कोरोना के प्रकोप से लोग दहशत में आ गए, मरीजों की मौत ने झकझोर दिया। ऐसे में कोरोना कर्फ्यू लगने से लोग घर पर रहे। तंबाकू और सिगरेट का सेवन बहुत कम कर दिया। सोमवार को विश्व तंबाकू दिवस पर डाक्टर को तंबाकू का सेवन और धूमपान न करने के लिए लोगों को जागरूक करेंगे।
कोरोना की पहली लहर में तंबाकू के सेवन पर रोक लगा दी गई थी। इससे संक्रमण फैलने का खतरा था, साथ ही तंबाकू का सेवन और धूमपान करने से प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। इससे कोरोना संक्रमित होने का खतरा अधिक रहता है। अप्रैल में कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना मरीजों के फेफड़े संक्रमित होने से तंबाकू और धूमपान का सेवन करने वाले सहम गए। एसएन मेडिकल कालेज के टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट के अध्यक्ष डा. संतोष कुमार ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर ने लोगों की सोच बदल दी है। जिन लोगों को तंबाकू और सिगरेट की लत लगी हुई थी, उन्होंने सेवन कम कर दिया। कई दिन तक तंबाकू का सेवन नहीं किया। दिन में 25 से 30 सिगरेट पीने वाले लोग दो से तीन सिगरेट पर आ गए। इसी तरह से तंबाकू का सेवन भी कम हो गया।
उधर, तंबाकू के सेवन से मुंह के कैंसर की आशंका रहती है। एसएन मेडिकल कालेज की कैंसर रोग विभाग की डा. सुरभि गुप्ता ने बताया कि मुंह कैंसर से पीड़ित मरीजों के स्वजन को भी तंबाकू का सेवन न करने के लिए जागरूक किया जाता है। वे नहीं मानते थे, इस बार बदलाव देखा गया है। स्वजन खुद ही बता रहे हैं कि उन्होंने तंबाकू, बीड़ी और सिगरेट पीना बंद कर दिया है। तंबाकू का किसी भी रूप में पांच साल तक सेवन करने वाले 50 फीसद लोगों को मुंह का कैंसर हो सकता है।