Ambedkar University Agra: इस साल आंबेडकर विवि के छात्रों को मिलेगा सब्जेक्टिव प्रश्न पत्र, दो घंटे की होगी अवधि

Ambedkar University Agra परीक्षा समिति की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय। विधि छात्रों को मिलेगा चार प्रश्नपत्रों में परीक्षा देने का मौका। चुनौती मूल्यांकन के संबंध में राजभवन से प्राप्त दिशा निर्देशों को यथावत लागू किया जाएगा।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Mon, 18 Jan 2021 08:16 AM (IST) Updated:Mon, 18 Jan 2021 08:16 AM (IST)
Ambedkar University Agra: इस साल आंबेडकर विवि के छात्रों को मिलेगा सब्जेक्टिव प्रश्न पत्र, दो घंटे की होगी अवधि
आंबेडकर विवि की परीक्षा समिति की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय। प्रतीकात्मक फोटो

आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के छात्र 2021 की मुख्य परीक्षा पुराने प्रारूप में ही देंगे।सब्जेक्टिव प्रश्नपत्र में 10 प्रश्न होंगे, जिसमें से चार प्रश्नों के विस्तृत उत्तर देने होंगे।परीक्षा की अवधि दो घंटे की होगी। यह फैसला रविवार को पालीवाल पार्क परिसर स्थित बृहस्पति भवन में आयोजित परीक्षा समिति की बैठक में लिया गया।

बैठक में लिए गए निर्णय

- चुनौती मूल्यांकन के संबंध में राजभवन से प्राप्त दिशा निर्देशों को यथावत लागू किया जाएगा। चुनौती मूल्यांकन के प्रथम चरण के लिए परीक्षार्थी परीक्षा फल घोषित होने के 30 दिन के अंदर आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। प्रथम चरण के लिए सभी पाठ्यक्रम के परीक्षार्थियों को 300 रुपये प्रति प्रश्न पत्र आनलाइन शुल्क जमा करना होगा, जिसके पश्चात परीक्षार्थी को उत्तर पुस्तिका की संचरित प्रति(स्कैंड कापी) देखने के लिए आनलाइन उपलब्ध करवाई जाएगी। परीक्षार्थी मूल्यांकित उत्तर पुस्तिका का अवलोकन करने के पश्चात और मूल्यांकन से असंतुष्ट होने पर चुनौती मूल्यांकन के दूसरे चरण के लिए आवेदन कर सकता है। चुनौती मूल्यांकन के दूसरे चरण के लिए परीक्षार्थी परीक्षा फल घोषित होने के 45 दिन के अंदर आनलाइन आवेदन कर सकते हैं।दूसरे चरण के लिए आवेदन शुल्क 2500 रुपये प्रति प्रश्न पत्र आनलाइन जमा करना होगा। परीक्षार्थी की उत्तर पुस्तिका का दो विषय विशेषज्ञों से मूल्यांकन करवाया जाएगा और पूर्व में दिए गए अंक छिपा दिए जाएंगे। दोनों परीक्षकों का जो औसत निकलेगा वही मान्य होगा भले ही वह मूल प्राप्त अंकों से कम हो अथवा ज्यादा।यह औसत अंतिम रूप से स्वीकृत होगा और अंकपत्र में देय होगा। यदि औसत और मूल प्राप्त अंकों में 20 फीसद से अधिक का अंतर होता है तब परीक्षार्थी द्वारा जमा किए गए शुल्क 2500 में से 1000 रुपये की धनराशि काटकर शेष परीक्षार्थी को वापस कर दी जाएगी। यह भी निर्णय लिया गया कि मूल्यांकन में लापरवाही बरतने वाले मूल परीक्षक के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।

- सेमेस्टर परीक्षाओं की अवधि भी दो घंटे की होगी। परीक्षा का प्रारूप मई 2020 में आयोजित परीक्षा के अनुसार ही होगा।

- एलएलबी और बीएएलएलबी अंतिम वक् में अनुत्तीर्ण छात्रों को अधिकतम चार प्रश्नपत्रों में परीक्षा देने का अवसर दिया जाएगा।यह परीक्षा ओएमआर पर आधारित होगी और कुल 100 वस्तुनिष्ठ प्रश्नों में से छात्रों को 60 प्रश्नों के उत्तर देने होंगे।

- बीएएलएलबी तृतीय वर्ष के छात्रों को बीएएलएलबी चतुर्थ वर्ष के प्राप्त अंकों के आधार पर प्रोन्नत किया जाएगा।

- वर्ष 2020 में स्नातक परीक्षा में कोविड-19 के कारण राष्ट्र गौरव , एनवायरमेंट स्टडीज और फिजिकल एजुकेशन की परीक्षा में सम्मिलित होने से वंचित रह गए छात्रों को औसत अंक प्रदान कर दिए जाएंगे। यह निर्णय 2015 से 2020 तक के परीक्षार्थियों पर समान रूप से लागू होगा।

- बीबीए, बीसीए, बीएससी कृषि एवं अन्य पाठ्यक्रम के वह छात्र जो कोविड-19 के कारण मई 2020 में हुई पुन: परीक्षा के लिए आवेदन नहीं कर पाए थे, एेसे छात्रों को पुनः परीक्षा हेतु आनलाइन परीक्षा फार्म भरवा कर औसत अंक दे दिए जाएंगे।इसके लिए छात्र का अगले सेमेस्टर की परीक्षा में उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।

- छात्रों की समस्या के निवारण के लिए छात्र समस्या निवारण समिति का गठन किया गया, जिसमें प्रो. यूसी शर्मा,प्रो. अनिल वर्मा और सहायक कुलसचिव पवन कुमार हैं।

- विश्वविद्यालय द्वारा पूर्व में दिए जाने वाले कृपांकों यानी ग्रेस मार्क्स को दोबारा शुरू किए जाने के लिए समिति का गठन किया गया। समिति में प्रो. पीके सिंह ,डा. भूपेंद्र कुमार चिकारा और सहायक कुलसचिव परीक्षा अनूप कुमार हैं। यह समिति तीन दिन में रिपोर्ट कुलपति को देगी।

- स्नातक और परास्नातक स्तर पर एक साल का अनुभव रखने वाले शिक्षक भी वार्षिक परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कर सकेंगे।

- प्राइवेट परीक्षार्थियों पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। प्राइवेट परीक्षार्थी पूर्व की भांति परीक्षा दे सकेंगे।

- राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय का एक अध्ययन केंद्र विश्वविद्यालय में स्थापित किया जाएगा, जिसमें दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से भी छात्र अध्ययन कर सकेंगे।

बैठक में यह रहे उपस्थित

अध्यक्षता कुलपति प्रो. अशोक मित्तल ने की।परीक्षा नियंत्रक डा. राजीव कुमार, वित्त अधिकारी एके सिंह, प्रो. उमेश चंद्र शर्मा, प्रो. प्रदीप श्रीधर, प्रो. पीके सिंह, प्रो. अनिल वर्मा, औटा के अध्यक्ष डा. ओमवीर सिंह और महामंत्री डा. भूपेंद्र कुमार चिकारा, सहायक कुलसचिव पवन कुमार और अजय गौतम।

एनडी कालेज को किया डिबार

पिछले साल नौ अक्टूबर को शमसाबाद रोड स्थित एनडी कालेज में एनवायरमेंट स्टडीज की परीक्षा तय तिथि के बाद कराए जाने की सूचना कुलपति को प्राप्त हुई थी।कुलपति प्रो. अशोक मित्तल ने जांच के लिए समिति का गठन किया।समिति की रिपोर्ट बैठक में प्रस्तुत की गई।समिति ने कालेज को दोषी मानते हुए कठोर कार्रवाई की संस्तुति की। बैठक में निर्णय लिया गया कि कालेज को 10 साल के लिए डिबार कर दिया जाए और उसकी संबद्धता समाप्त करने के लिए कार्यपरिषद को संदर्भित कर दिया जाए। 

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