चोर भर रहा फर्राटे और बाइक मालिक भर रहा चालान Agra News
कागारौल के युवक की सिकंदरा क्षेत्र से एक साल पूर्व चोरी हुई थी बाइक। बिना नंबर बदले चला रहा चोर अब तक हो चुका दो बार चालान।
आगरा, जागरण संवाददाता। एक साल पूर्व बाइक चोरी हो गई। पुलिस में शिकायत दर्ज कराई लेकिन पुलिस बाइक बरामद तो नहीं कर पाई लेकिन बाइक के चालान मालिक के पास लगातार पहुंच रहे हैं। चोर की सीनाजोरी ने पुलिस चेकिंग के दावों की हकीकत खोल दी है । शातिर बाइक चोरी करके बिना नंबर बदले एक साल से शहर में चला रहा है। पुलिस चोर को खोज कर बाइक बरामद नहीं कर सकी। मगर, उसके द्वारा यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना भरने के चालान पीडि़त पर जरूर पहुंच गए। सोमवार एसएसपी कार्यालय पहुंचे पीडि़त ने चोर को पकडऩे की गुहार लगाई।
मामला कागारौल के गांव नगला मिर्जा निवासी किसान बल्देव सिंह का है। बल्देव सिंह के अनुसार पिछले वर्ष सात अगस्त को वह सिकंदरा के गांव सुनारी अपनी रिश्तेदारी में आए थे। यहां घर के बाहर खड़ी उनकी बाइक चोरी हो गई। उन्होंने सिकंदरा थाने में बाइक चोरी का मुकदमा दर्ज करा दिया। अपने स्तर से कई महीने तक बाइक की खोजबीन करते रहे। इसके बाद वह थक हारकर बैठ गए।
बल्देव सिंह ने बताया जनवरी में उनके पास बिना हेलमेट बाइक चलाने का फोटो चालान आया। जो कि सेंट जोंस चौराहे पर 17 अक्टूबर को किया गया था। इसकी शिकायत सिकंदरा थाने और ट्रैफिक पुलिस में की। पुलिस ने बाइक का पता लगाने का आश्वासन दिया। मगर, उसे बरामद नहीं कर सकी।
दो सप्ताह पहले उनके पास दूसरा चालान आया। जो कि भगवान टॉकीज चौराहे पर तीन सवारी में 14 जून को किया गया था। बाइक पर पीछे दो युवतियां बैठी थीं। बल्देव ने बताया चोर की सीनाजोरी से परेशान होकर सोमवार को उन्हें एसएसपी से अपनी बाइक बरामद करने की गुहार लगाने आना पड़ा। एसएसपी बबलू कुमार ने पीडि़त को बाइक बरामद करने का आश्वासन दिया।
अब तक थीं फर्जी नंबर पर गाड़ी चलाने की शिकायतें
चोर द्वारा बाइक चलाने और मालिक पर चालान पहुंचने का यह पहला मामला है। डेढ़ साल पहले फोटो चालान की शुरूआत हुई थी। इसके बाद से अब तक पुलिस के पास वाहनों पर फर्जी नंबर डालकर चलाने की शिकायतें आ रही थीं। क्योंकि चालान गाड़ी मालिकों के पास पहुंचते थे।
नौ महीने में 1367 वाहन चोरी
जिले में इस वर्ष 15 सितंबर तक 1367 वाहन चोरी हो चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा वाहन शहरी क्षेत्र से चोरी हुए। पुलिस की बरामदगी का आंकड़ा 20 फीसद भी नहीं है।