Mosquito: ये मच्छर हैं कि मरते ही नहीं, मच्छरों के पावरफुल होने से दवा हो रही बेअसर

मच्छरों की रजिस्टिविटी पाॅवर बढ़ी। चपेट में आए कई पाॅश इलाके। अब नगर निगम रात को फॉगिंग कराने की बना रहा योजना। 100 लीटर डीजल में पांच लीटर मैलाथियान टेक्निकल मिलाकर फाॅगिंग की जाती है। करीब एक दशक से इसी दवा का छिड़काव किया जा रहा है।

By Nirlosh KumarEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 04:03 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 04:03 PM (IST)
Mosquito: ये मच्छर हैं कि मरते ही नहीं, मच्छरों के पावरफुल होने से दवा हो रही बेअसर
निगम फाॅगिंग में प्रयोग की जाने वाली एक अन्य दवा किंग्सफॉग खरीदने की तैयारी में है।

आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी के मच्छर बेहद पावरफुल होते जा रहे हैं। उनको मारने के लिए निगम जिस केमिकल का इस्तेमाल करता है वह बेअसर सा हो गया है। अब मच्छरों से निपटने के लिए निगम परंपरागत तरीकों को छोड़कर नए तरीके अपनाने की तैयारी कर रहा है, ताकि शहरियों का खून चूस रहे मच्छरों को सबक सिखाया जा सके। अब देखना यह है कि निगम का नया तरीका मच्छरों को काबू कर पाएगा या नहीं।

नहीं हो रहा मैलाथियान का असर

नगर निगम के 100 वार्ड में 100 एंटी लार्वा व 20 छोटी व 20 बड़ी मशीनों द्वारा मच्छरों पर नियंत्रण के लिए फाॅगिंग की जा रही है। जिस समय फाॅगिंग होती है तो मच्छर बेहोश हो जाते हैं, लेकिन कुछ घंटेे बाद ही उन्हें फिर होश आ जाता है। नगर आयुक्त निखिल टीकाराम व मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. अतुल भारती के अनुसार निगम की ओर से मच्छरों को मारने के लिए 100 लीटर डीजल में पांच लीटर मैलाथियान टेक्निकल मिलाकर फाॅगिंग की जाती है। करीब एक दशक से इसी दवा का छिड़काव किया जा रहा है। मच्छरों पर दवा असर कर रही है या नहीं, स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है। कारण शहर में कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है, जहां पिछले डेढ़ महीने में एक या दो बार फाॅगिंग न की गई हो, इसके बाद भी मच्छरों का प्रकोप इसका जीवंत उदाहरण है। उन्होंने बताया कि मच्छरों के आगे फाॅगिंग कम कारगर होने के पीछे मच्छरों का डिफेंस मैकेनिज्म मजबूत करना है। ऐसे में अब मच्छरों के खिलाफ फाॅगिंग को कामयाब बनाने के लिए इसे दिन या शाम के बजाय रात में करानेे की योजना को मूर्त रूप देने पर विचार हो रहा है। रात 8 बजे के बाद फाॅगिंग कराने से इसका असर ज्यादा देर तक रहेगा। मौसम में परिवर्तन के कारण अक्टूबर का महीना इसके लिए सबसे ज्यादा बेहतर है, जब माहौल में नमी है। ऐसे में रात में की जाने वाली फाॅगिंग से दवा हवा में उड़ती नहीं। आसमान से गिरने वाली ओस माहौल में एक चादर बनाने का काम करती है, जिससे फाॅगिंग की दवा जमीन पर रहती है। इससे मच्छरों की रजिस्टेंस बढ़ने के बाद भी उनकी रोकथाम पर नकेल कसी जा सकेगी। उन्होेंने बताया कि मैलाथियान टेक्निकल दवा का कम असर होने पर निगम फाॅगिंग में प्रयोग की जाने वाली एक अन्य दवा किंग्सफॉग खरीदने की तैयारी में है। किंग्सफॉग दवा की खूबी यह है कि इसमें मैलाथियन टेक्निकल की तरह तीखी बदबू नहीं होती।

जिला मलेरिया अधिकारी आरके दीक्षित के मुताबिक मच्छरों में लगातार एक ही तरह की दवा के खिलाफ रजिस्टेंस बढ़ाने का गुण होता है। मच्छरों के हार्मोन में दवा या पेस्टीसाइड के खिलाफ रजिस्टेंस बढ़ाने की उनकी यह खूबी ही उन्हें तमाम कवायदों के बाद भी जिंदा रखे हुए है, फिर बार-बार जिस स्थान पर फॉगिंग हो रही है, वहां मच्छरों का खात्मा भी हुआ है।

फाॅगिंग के लिए तैयार होने वाले घोल का मानक

मैलाथियान (250 मिली),

डीजल (5 लीटर),

पेट्रोल (1 लीटर)

घर के पास की नालियों में डालें मिट्टी का तेल

आगरा कालेज में प्राणि विज्ञान की प्रोफेसर अमिता सरकार का कहना है कि हर किसी को अपने घर के पास के नाली में हरेक पांच-छह दिन पर थोड़ा सा मिट्टी का तेल गिराना चाहिए। इससे पानी पर किराेसिन तेल की एक पतली परत बन जाएगी और मच्छरों के लार्वा सांस न ले पाने से मर जाएंगे। जहां तक पानी के प्रदूषित होने की बात है तो उसकी आशंका नहीं के बराबर है। मिट्टी का तेल सूरज की गर्मी से वाष्पीकृत होकर उड़ जाएगा और जो थोड़ा-बहुत बचा होगा उसे एसटीपी साफ कर देगा।

डेंगू ने बढ़ाया मास्किटो रिपेलेंट का बाजार, 80 फीसद बढ़ गयी बिक्री

डेंगू के मच्छरों ने इन दिनों मास्किटो रिपेलेंट के बाजार में खासी बढ़ोतरी कर दी है। मेडिकल कारोबारियों के मुताबिक पिछले 15 दिनों में ही मास्किटो रिपेलेंट की बिक्री में 50 फीसद की बढ़ोतरी हो चुकी है। 15 दिन में 50 हजार से अधिक मास्किटो रिपेलेंट रिफिल की बिक्री हो चुकी है। मास्किटो रिपेलेंट का शहर में सालाना बाजार करीब पांच करोड़ रुपए से अधिक का है। इसके साथ ही मच्छरों से बचाव के लिए आमजन मास्किटो रिपेलेंट क्वायल, अगरबत्ती, फास्ट कार्ड व मच्छररोधी क्रीम का उपयोग भी कर रहे हैं, ऐसे में इनका बाजार भी बढ़ गया है।

आगरा महानगर केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष आशीष शर्मा और आगरा फार्मा के प्रवक्ता आशीष शर्मा ने बताया कि बिक्री काफी बढ़ गयी है, ये बात सही है कि डेंगू के चलते बाजार में मास्किटो रिपेलेंट, मास्किटो रिपेलेंट क्वायल, अगरबत्ती, फास्ट कार्ड व मच्छररोधी क्रीम की बिक्री में काफी बढ़ोतरी हो गयी है। मास्किटो रिपेलेंट की बिक्री पिछले 15 दिनों में 80 फीसदी तक बढ़ चुकी है।

ये हैं दाम

मास्किटो रिपेलेंट रिफिल और मशीन 89 रुपए

मास्किटो रिपेलेंट रिफिल 72 रुपए

मच्छररोधी क्रीम 100 ग्राम 90 रुपए

कपड़ों पर लगाने का फेब्रिक रोलओन 75 रुपए का 8 एमएल

मास्किटो रिपेलेंट क्वायल 32 रुपए की 10 क्वायल

फास्ट कार्ड 10 रुपए के 10 पीस

हिट स्प्रे 100 रुपए से 250 रुपए तक।

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