आगरा में चाैहरे हत्याकांड का नहीं लगा सुराग, पांच दिन बाद भी कातिल बेसुराग

सुलझने के बजाय उलझती जा रही है आगरा में सामूहिक हत्याकांड की गुत्थी नहीं मिल रही पुलिस की जांच को दिशा। पांच दिन में पुलिस को हत्या का न मकसद पता चला न ही मिला कातिलों का सुराग। दर्जनभर करीबियों से पूछताछ कर चुकी है।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 08:52 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 08:52 AM (IST)
आगरा में चाैहरे हत्याकांड का नहीं लगा सुराग, पांच दिन बाद भी कातिल बेसुराग
आगरा में रेखा और उसके तीन बच्‍चों की हत्‍या करने वाले का अभी तक कोई सुराग नहीं।

आगरा, जागरण संवाददाता। तंग गली में स्थित मकान में मां और तीन बच्चों की गला रेतकर हत्या कर दी गई। न किसी ने चीख सुनी और न ही किसी ने कातिल को देखा।हत्याकांड की शुरुआत में करीबियों पर शक करके पुलिस जल्द पर्दाफाश की उम्मीद जता रही थी। मगर, जैसे-जैसे दिन निकल रहे हैं हत्या की गुत्थी और उलझती जा रही है। अभी तक दर्जनभर संदिग्धों से पुलिस पूछताछ कर चुकी है। इनसे पूछताछ में पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला है। हत्या का मकसद भी अभी तक पुलिस स्पष्ट नहीं कर पाई है।

कोतवाली क्षेत्र के कूचा साधूराम में गुरुवार को सुबह रेखा, उनके बेटे वंश, पारस और बेटी माही के शव घर में ही पड़े मिले थे। सभी की गला रेतकर हत्या की गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार सभी की हत्या 21 जुलाई को दोपहर में हुई है। वारदात के अंदाज से पुलिस शुरुआत में मान रही थी की हत्याकांड में करीबी का हाथ है। पुलिस उन सभी लोगों को पूछताछ के लिए थाने बुला लिया, जो रेखा से संपर्क में थे। शक के दायरे में आए कुछ लोगों से पूछताछ के बाद पुलिस को जल्द पर्दाफाश की उम्मीद थी। मगर, कुछ नहीं निकला। करीब दर्जनभर लोगों से शक के आधार पर पूछताछ की जा चुकी है। इनमें तांत्रिक, करीबी, प्रापर्टी डीलर व अन्य लोग शामिल हैं। अब रेखा के पिता के फुफेरे भाई संतोष से पुलिस पूछताछ कर रही है। संतोष का मोबाइल 21 जुलाई को दोपहर 12 से दो बजे तक स्विच आफ था। स्वजन ने बताया कि वह नोएडा जाने की कहकर गया था। 21 से 23 जुलाई तक वह आगरा में नहीं था। संतोष के पिता सोमवार को कोतवाली थाने आए थे। उन्होंने बताया कि बेटा परचून की दुकान चलाता है। तीन बच्चों का पिता है। उसने रेखा का स्कूटर खरीदा था। ज्यादातर रिश्तेदारों ने रेखा से तलाक के बाद दूरी बना ली थी। रेखा ने पंचायत में किसी की बात नहीं मानी थी। जिद से तलाक लिया था। संतोष लगातार रेखा के संपर्क में था। उसकी फोन पर उससे बातचीत होती थी। रेखा मकान बेचकर दिल्ली जाना चाहती थी। वह जैनुद से बात करती थी। यह बात संतोष को अच्छी नहीं लग रही थी। पुलिस ने संतोष के पिता को पूछताछ के बाद यह जानकारी दी है। पुलिस संतोष से यह पूछ रही है कि 21 जुलाई को वह कहां-कहां गया? उसके पास इस बात के क्या प्रमाण हैं कि वह कूचा साधू राम नहीं आया था। संतोष ने जो जानकारी दी है पुलिस उसका सत्यापन कर रही है। सर्विलांस टीम की भी मदद ली जा रही है। संतोष के दोस्तों और उसके परिजनों से भी सवाल-जवाब किए जा रहे हैं।

देर से सक्रिय हुईं विशेष टीम

सामूहिक हत्याकांड की गुरुवार को पुलिस को जानकारी हुई थी। इसके बाद भी पुलिस की विशेष टीम नहीं लगाई गईं। केवल थाने और पुलिस चौकी की टीम ही इसकी जांच करती रहीं। रामपुर से लेकर दिल्ली तक दबिश दी गईं। संदिग्धों को पकड़ा गया। पांच दिन बाद भी अभी पुलिस वहीं खड़ी है, जहां से जांच की शुरुआत हुई थी।

कई हत्याकांडों की गुत्थी नहीं सुलझा सकी पुलिस

शहर में हुई कई सनसनीखेज घटनाओं की पुलिस गुत्थी नहीं सुलझा सकी है। इनमें से सबसे बड़ी घटना खंदारी में हनुमान चौराहा के पास रहने वाले ग्रोवर दंपति की हत्या का मामला है। 15 नवंबर 2015 को अवनीश ग्रोवर और उनकी पत्नी ऊषा ग्रोवर की हत्या कर दी गई। मामला डीजीपी तक पहुंचा। लखनऊ तक से मानीटरिंग हुई। तीन बार नए सिरे से विवेचना हुई। मगर, कोई नतीजा नहीं निकला। एत्माद्दौला क्षेत्र के कालिंदी विहार में दारोगा की पत्नी की हत्या का मामला भी अभी तक नहीं खुला है।

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