आगरा में एलईडी स्ट्रीट लाइट की मरम्मत के नाम पर खेल, नहीं मिल रहा 90 लाइटों का हिसाब
लाइट उतारने के बाद नहीं लगाते हैं ईईएसएल कर्मचारी 90 लाइटों का नहीं मिल रहा है हिसाब। हर सप्ताह पहुंच रही हैं पांच से सात शिकायतें। नगर निगम के सौ वार्डों में 52 हजार स्ट्रीट लाइट के पोल हैं। इसमें दो हजार के आसपास सोडियम लाइट लगी हैं
आगरा, जागरण संवाददाता। अशोक नगर हो या फिर कमला नगर और जयपुर हाउस। इन क्षेत्रों सहित अधिकांश वार्डोंं में एलईडी स्ट्रीट लाइट की मरम्मत के नाम पर खेल किया जा रहा है। ईईएसएल कर्मचारियों द्वारा बंद पड़ी लाइट को उतारा जाता है और फिर उसे लगाया नहीं जाता है। इसके चलते हर सप्ताह नगर निगम कार्यालय में पांच से सात शिकायतें पहुंच रही हैं। जिसक जांच में ईईएसएल कर्मचारियों की पोल खुल गई है। अब तक 90 लाइटों का हिसाब नहीं मिल रहा है। यह लाइटें बाजार में बेची गईं या फिर कहां हैं, इसकी जानकारी मुख्य अभियंता विद्युत ने ईईएसएल के अफसरों से मांगी है। निगम के सौ वार्डों में 52 हजार लाइट हैं।
दो साल पूर्व उतारी थीं दस स्ट्रीट लाइट
वार्ड 59 की पार्षद पुष्पा कुशवाहा का कहना है कि दो साल पूर्व ईईएसएल के कर्मचारियों ने विभिन्न सड़कों से दस लाइट उतारी थीं। कर्मचारियों ने सप्ताह भर के भीतर लाइट लगाने का वादा किया था लेकिन आजतक स्ट्रीट लाइट नहीं लगी है। नगर निगम के सौ वार्डों में 52 हजार स्ट्रीट लाइट के पोल हैं। इसमें दो हजार के आसपास सोडियम लाइट लगी हैं जबकि दो हजार पोल में कोई लाइट नहीं है। 38 हजार पोल में एलईडी स्ट्रीट लाइट लगी है। लाइट की मरम्मत का जिम्मा ईईएसएल के पास है।