103 अतिथि प्रवक्ताओं के भविष्य पर लटकी तलवार
31 जुलाई को खत्म हो रहा अनुबंध पिछले साल दिसंबर में जारी हुई थी सूची
आगरा, जागरण संवाददाता । डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में 103 अतिथि प्रवक्ताओं के सामने एक बार फिर से दिक्कतें खड़ी हो रही हैं। 31 जुलाई को उनका अनुबंध खत्म हो रहा है। अतिथि प्रवक्ता संशकित हैं कि कहीं पिछले साल की तरह इस बार भी भी वर्ष के अंत में सूची तैयार न हो।
पिछले साल अतिथि प्रवक्ताओं की चयन प्रक्रिया आरोपों के घेरे में रही थी। तत्कालीन कुलपति प्रो. अशोक मित्तल को जिन आरोपों के चलते कार्य विरत किया गया है, उनमें से एक आरोप 103 अतिथि प्रवक्ताओं की नियुक्ति का भी है। पिछले साल अतिथि प्रवक्ताओं की अंतिम सूची दिसंबर में जारी की गई थी। हालांकि विभागों से 70 अतिथि प्रवक्ताओं की मांग हुई थी। पिछले साल अक्टूबर में शिक्षण कार्य शुरू हुआ था, उससे पहले ही विभागाध्यक्षों ने अतिथि प्रवक्ताओं की कमी को बता दिया था। चयन प्रक्रिया पिछले साल बातचीत के माध्यम से हुई थी। कुछ महीनों तक तत्कालीन कुलपति प्रो. अशोक मित्तल और तत्कालीन कुलसचिव डा. अंजनी कुमार मिश्र के बीच सूची को लेकर तनातनी रही थी। काफी उठापटक के बाद सूची जारी हुई थी। डा. अंजनी कुमार मिश्र का कहना था कि चयन प्रक्रिया में मानकों को अनदेखा किया गया है। शिक्षकों को रखे जाने के लिए विज्ञापन प्रकाशित नहीं कराया गया था और न ही इंटरेक्शन के पैनल में विषय विशेषज्ञ या फिर संबंधित विभाग का कोई रखा गया था। इस साल भी स्थिति अतिथि प्रवक्ताओं के अनुकूल नहीं है। कुलपति का प्रभार लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति के पास है। मुख्य परीक्षाएं भी शुरू होने वाली हैं, जो सभी अधिकारियों की प्राथमिकता में शामिल हैं। ऐसे में अतिथि प्रवक्ताओं ने अपने विभागाध्यक्षों से अपील की है कि उनकी स्थिति अधिकारियों के सामने रखी जाए।