विश्व में समृद्धि ज्ञान के विस्तार से होगी

डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय और हावर्ड विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में शुरू हुई तीन दिवसीय ई-कान्फ्रेंसिंग

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 06:04 AM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 06:04 AM (IST)
विश्व में समृद्धि ज्ञान के विस्तार से होगी
विश्व में समृद्धि ज्ञान के विस्तार से होगी

आगरा, जागरण संवाददाता। भारत ने कभी भी ज्ञान का पेटेंट नहीं कराया था। वैश्विक कल्याण हेतु अपना दरवाजा विश्व के लिए सदैव खुला रखा था। जबकि विकसित देश आज ज्ञान को एक सीमित दायरे में रखना चाहते हैं और इसे आय का माध्यम बना रखा है। यह कहना था गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा का। वे डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय व हावर्ड विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ई-कान्फ्रेंस में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे। इस ई-कान्फ्रेंस का विषय वैश्विक उन्नति के लिए शिक्षा था।

तीन दिवसीय ई-कान्फ्रेंस का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अशोक मित्तल ने दीप प्रज्जवलित कर किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा में सुधार और साझीदारी दोनों आवश्यक है। शिक्षा के प्रसार-प्रचार से ही किसी देश में शांति कायम रहती है। उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा ने कहा कि अगर विश्व में समृद्धि चाहिए तो ज्ञान का विस्तार करना होगा। विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.एसपी बंसल ने कहा कि आज शिक्षा को वैश्विक परिदृश्य में उपयोगी बनाना होगा। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न विश्वविद्यालयों को आपसी सहमति बनाकर कार्य करना होगा।

कान्फ्रेंस में हावर्ड विश्वविद्यालय के कुलपति व संरक्षक प्रो. एंथोनी के. वूटा ने कहा कि पूरे अमेरिका में भारत के लिए बहुत आदर है। हम साथ मिलकर ज्ञान का आदान प्रदान करने के इच्छुक है, जिससे विश्व में समानता और समृद्धि लाई जा सके। कान्फ्रेंस के अंतरराष्ट्रीय समन्वयक हावर्ड विश्वविद्यालय के सेंटर फार ग्लोबल बिजनेस स्टडीज के निदेशक प्रो. एनके रुस्तगी और संयोजक डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के पर्यटन एवं होटल प्रबन्धन संस्थान के निदेशक प्रो. लवकुश मिश्रा हैं।

कांफ्रेंस के प्रथम सत्र में महाराजा बीर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत्यदेव पोद्दार ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत के पुर्वोत्तर राज्यों में तेजी से शिक्षा का विस्तार हो रहा है। इटली की प्रो.मैरिना व नाइजीरिया के प्रो. एकौन एच. एकप्पो ने अपने शोध पत्र पढ़े। धन्यवाद ज्ञापन नाईजीरिया के यूयो विश्वविद्यालय के प्रो. उमोरेन ने किया। कान्फ्रेंस में देश विदेश के 18 विश्वविद्यालय प्रतिभागिता कर रहे हैं।

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