Acid Attack Survivors: दुनिया जानेगी आगरा की मां-बेटी गीता और नीतू की दर्द भरी दास्तां, मेलबर्न फिल्म फेस्टिवल में होगा डाक्यूमेंट्री का प्रदर्शन
एसिड अटैक सर्वाइवर गीता और नीतू पर आस्ट्रेलिया के एनजीओ ने बनाई डाक्यूमेंट्री। मेलबर्न फिल्म फेस्टिवल में होगा प्रदर्शन। दो माह से शूटिंग के लिए आस्ट्रेलिया में हैं नीतू। इम्मा को बीबीसी की तरफ से बेस्ट डाक्यूमेंट्री डायरेक्टर का अवार्ड भी मिल चुका है।
आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी की एसिड अटैक सवाईवर मां-बेटी गीता और नीतू की दर्द भरी दास्तां अब पूरी दुनिया जान सकेगी। गीता और नीतू के संघर्षों पर आस्ट्रेलिया के एनजीओ ने डाक्यूमेंट्री बनाई है। आस्ट्रेलिया के मेलबर्न में फिल्म फेस्टिवल में डाक्यूमेंट्री प्रदर्शित की जाएगी। गीता और नीतू, छांव फाउंडेशन द्वारा संचालित शीरोज हैंगआउट कैफे से जुड़ी हुई हैं।
शाहगंज क्षेत्र में रहने वाले इंद्रजीत ने वर्ष 1992 में गुस्से में आकर अपनी पत्नी गीता पर तेजाब डाल दिया था। इसमें उनकी तीन वर्षीय बेटी नीतू झुलस गई थीं और आंखों पर असर पड़ने से दिखना बंद हो गया था। हादसे में नीतू की डेढ़ वर्ष की छोटी बहन की मौत हो गई थी। गीता ने इसके बावजूद हार नहीं मानी। कई संघर्षों का सामना करते हुए उन्होंने अपनी बेटी को पाल-पाेस कर बड़ा किया। परिवार का खर्च चलाने को वो मिठाई के डिब्बे बनाया करती थीं। इसी बीच गीता एसिड अटैक सर्वाइवर के लिए काम करने वाले छांव फाउंडेशन से जुड़ गईं। मां-बेटी की दास्तां सुनने के बाद आस्ट्रेलिया के एक एनजीओ को संचालक इम्मा ने उनके जीवन व संघर्ष पर डाक्यूमेंट्री बनाना शुरू की। इस समय नीतू आस्ट्रेलिया में हैं और इम्मा उनका अपनी बेटी की तरह ध्यान रख रही हैं। इम्मा को बीबीसी की तरफ से बेस्ट डाक्यूमेंट्री डायरेक्टर का अवार्ड भी मिल चुका है।
फिल्म में है जीवन का पूरा संघर्ष
एसिड अटैक सर्वाइवर गीता का कहना है कि डाक्यूमेंट्री में उनके पूरे जीवन की कहानी है। एसिड अटैक की वजह से उनकी बेटी नीतू के सामने आई कई परेशानियों को इसमें दिखाया गया है। कई लोगों ने इस दौरान उनकी मदद की। इसमें अधिवक्ता चंद्रपाल सिंह जादौन ने न्यायिक काम में भी मदद की। डाक्टर्स ने उनकी बेटी की सर्जरी की और बचपन से ही उसे क्या परेशानियां आईं, वह इस डाक्यूमेंट्री में देखने को मिलेगा।