आगरा के अकोला और जगनेर में तेजी से हो रहा रेन वाटर हार्वेस्टिंग का काम

भूगर्भ जल विभाग सिंचाई विभाग और ग्राम्य विकास विभाग के इंजीनियर इस कार्य की निगरानी कर रहे हैं। मुख्‍य विकास अधिकारी ने बताया कि कोशिश की जा रही है कि गांव-गांव बारिश की बूंदों को सहेजा जा सके। ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी स्‍कूलों में लगाए जा रहे हैं सिस्‍टम।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 10:07 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 10:07 AM (IST)
आगरा के अकोला और जगनेर में तेजी से हो रहा रेन वाटर हार्वेस्टिंग का काम
आगरा के ग्रामीण इलाकों में सरकारी स्‍कूलों में रेन वाटर हावेस्टिंग कराई जा रही है।

आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा के 15 ब्लाकों के 2263 सरकारी विद्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का काम चल रहा है। इसमें अकोला और जगनेर ब्लाक सबसे आगे हैं।अकोला में 91 और जगनेर में 50 विद्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग होनी है, यहां लक्ष्य के अनुरूप सभी विद्यालयों में काम चल रहा है।

मुख्य विकास अधिकारी ए. मनिकंडन ने बताया कि ब्लाक अछनेरा के 146 में से 112, बाह के 178 में से 165, बरौली अहीर के 178 में से 99, बिचपुरी के 78 में से 44, एत्मादपुर के 169 में से 110, फतेहाबाद के 262 में से 200, फतेहपुर सीकरी के 148 में से 114, जैतपुर कलां के 127 में से 130, खंदौली के 143 में से 95, खेरागढ़ के 164 में से 99, पिनाहट के 172 में से 168, सैंया के 147 में से 141 और शमसाबाद के 210 में से 166 विद्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग के काम चल रहे हैं। भूगर्भ जल विभाग, सिंचाई विभाग और ग्राम्य विकास विभाग के इंजीनियर इस कार्य की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कोशिश की जा रही है कि गांव-गांव बारिश की बूंदों को सहेजा जा सके। इसके लिए तालाबों का भी संरक्षण किया जा रहा है। जिले के अधिकांश ब्लाक डार्क जोन में आ गए हैं। यहां का भूमिगत पानी काफी नीचे चला गया है। ऐसे में रेन वाटर हार्वेस्टिंग के जरिये भूमिगत जल स्तर को भी सुधारने का प्रयास किया जा रहा है।

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