Tajmahal: ताजमहल में पसर रहा सन्नाटा, धीरे-धीरे घटती जा रही है पर्यटकों की संख्या
आगरा में मंगलवार को दिनभर में आए केवल 2923 पर्यटक। कभी एक घंटे में इससे अधिक पर्यटक आते थे। कोरोना वायरस के चलते बीते एक साल में टूट चुकी है पर्यटन उद्योग की कमर। आने वाले समय में भी हाल सुधरते नहीं दिख रहे हैं।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना काल से पूर्व ताजमहल को देखने के लिए एक घंटे में जितने पर्यटक आया करते थे, अब पूरे दिन में उतने पर्यटक नहीं आ रहे हैं। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण अौर नाइट कर्फ्यू के चलते मंगलवार को मात्र 2923 पर्यटकों ने ही ताजमहल देखा। इस स्थिति ने शहर के पर्यटन कारोबारियों को चिंता में डाल दिया है।
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण और दिल्ली व एनसीआर के शहरों में नाइट कर्फ्यू लगने के साथ ही ताजमहल पर पर्यटकों की संख्या कम होना शुरू हो गई थी। आगरा में सोमवार से नाइट कर्फ्यू लगने के बाद तो पर्यटकों की संख्या में और गिरावट आई है। सोमवार को जहां 3428 पर्यटक आए थे, वहीं, मंगलवार को उनकी संख्या घटकर 2923 रह गई। इनमें 2816 वयस्क और 107 बच्चे शामिल थे। पर्यटकों के बहुत कम आने से ताजमहल में अब सन्नाटा पसर रहा है। गाइड, फोटोग्राफरों के समक्ष इससे एक बार फिर आजीविका का संकट खड़ा हो गया है। दुकानदार भी दिनभर खाली बैठे रहते हैं।
ताजमहल पर पर्यटकों की स्थिति
शनिवार, 8679
रविवार, 7292
सोमवार, 3428
मंगलवार, 2923
कोरोना ने तोड़ी पर्यटन उद्योग की कमर, इस वर्ष उबरने की उम्मीद नहीं
कोरोना काल में पर्यटन उद्योग की सरकार ने कोई सुध नहीं ली। आर्थिक सहायता मिलना तो दूर बिजली बिल या गृहकर में भी कोई रियायत नहीं मिली। उद्योग जैसे-तैसे अपने पैरों पर दोबारा खड़ा होने की कोशिशों में जुटा था कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण आैर नाइट कर्फ्यू ने कमर तोड़कर रख दी। इस वर्ष उबरने की उम्मीद भी इसके साथ ही धूमिल हो उठी है।
आगरा में पर्यटन, रोजगार देने वाले प्रमुख कारोबारों में शामिल है। 17 मार्च, 2020 को कोरोना काल में ताजमहल बंद होने के साथ इसके दुर्दिन शुरू हो गए थे। 188 दिन तक ताजमहल बंद रहने से पर्यटन उद्योग पूरी तरह ठप रहा। इंटरनेशनल फ्लाइट और टूरिस्ट वीजा सर्विस पर रोक से विदेशी पर्यटकों का आना अभी भी संभव नहीं है। दिसंबर, 2020 से मार्च, 2021 तक भारतीय पर्यटकों ने पर्यटन कारोबारियों को आस बंधाई थी। पर्यटकों की संख्या में आई गिरावट ने पर्यटन कारोबारियों को सकते में डाल दिया है। करीब 30 फीसद होटल व पेइंग गेस्ट हाउस लाक डाउन के बाद से खुले ही नहीं थे, जो खुले थे उनमें 10 फीसद भी कमरे बुक नहीं हो रहे थे। सितारा होटल वीकेंड टूरिज्म के सहारे चल रहे थे, लेकिन नाइट कर्फ्यू लगने के बाद काम खत्म सा हो गया है। कारोबारियों को इस वर्ष भी कोरोना के झटकों से पर्यटन उद्योग उबरता हुआ नजर नहीं आ रहा है।
रेस्टोरेंट सर्वाधिक प्रभावित
आगरा में रात नौ बजे से नाइट कर्फ्यू लग रहा है। आठ बजे से बाजार बंद होना शुरू हो जाते हैं। इससे रेस्टोरेंट में रात का काम बिल्कुल खत्म हो गया है। रेस्टोरेंट संचालक शाम को रेस्टोरेंट बंद रखने पर विचार कर रहे हैं। इवेंट इंडस्ट्री भी इससे बुरी तरह प्रभावित हुई है। कार्यक्रम में लोगों की संख्या घटाए जाने का उस पर सर्वाधिक असर पड़ा है।
कोरोना काल में सरकार ने पर्यटन कारोबार की कोई सुध नहीं ली। बिजली बिल या गृहकर में कोई रियायत नहीं दी गई। किसी तरह अपने बूते कारोबारी उबरने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन बढ़ते संक्रमण अौर नाइट कर्फ्यू ने दोहरा झटका दिया है।
-राकेश चौहान, अध्यक्ष होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन
इवेंट में लोगों की संख्या सीमित किए जाने से बुकिंग निरंतर कैंसिल हो गई हैं। कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि इस स्थिति में क्या किया जाए? इवेंट के लिए लोगों को एडवांस दिया था, अब उसका क्या होगा, कुछ समझ नहीं आ रहा है?
-मनोज शर्मा, इवेंट मैनेजर