उधार लेकर पुलिस को दी थी फिरौती की रकम, एक वर्ष में भी नहीं हुई वापस
पुलिस ने अधिवक्ता को मुक्त कराने के लिए बदमाशों को देने के लिए थे दस लाख रुपये
आगरा, जागरण संवाददाता। फीरोजाबाद के अधिवक्ता अकरम अंसारी को मुक्त कराने को स्वजन ने दस लाख रुपये रिश्तेदारों से उधार लिए थे। पुलिस ने इस रकम को बैग में रखकर जाल बिछाया। इसके बाद अधिवक्ता को मुक्त कराया और बदमाशों को पकड़ लिया। रकम भी पुलिस ने बदमाशों से बरामद कर ली। मगर, एक वर्ष में भी यह रकम अधिवक्ता के स्वजन को वापस नहीं मिल सकी है। अभी तक वे कोर्ट के चक्कर लगा रहे हैं।
फीरोजाबाद के दक्षिण थाना क्षेत्र में राजपूताना मुहल्ला निवासी अधिवक्ता अकरम अंसारी का तीन फरवरी 2020 को आगरा में सिकंदरा क्षेत्र से अपहरण हो गया था। बदमाशों ने पहले पचास लाख रुपये की फिरौती मांगी।अपहरण धौलपुर के सुरेंद्र गुर्जर गैंग ने किया था। पुलिस ने गैंग को पकड़ने के लिए फिरौती देने के बहाने जाल बिछाया। अधिवक्ता के स्वजन ने रिश्तेदारों से उधार लेकर पुलिस को दस लाख रुपये दिए थे। इनको एक बैग में रखकर पुलिस ने जीपीएस लगाया था। बीहड़ में बदमाशों को फिरौती देने के बाद पुलिस ने बदमाशों को पकड़ लिया। धौलपुर के उग्रसेन, गांव सूखे का पुरा निवासी लाखन, कुआं खेड़ा धौलपुर निवासी सुरेंद्र, जमूहरा निवासी राकेश, बाड़ी निवासी मुकेश और उर्मिला पत्नी उग्रसेन को जेल भेजा गया था। मुकदमे में सात अगस्त 2020 को चार्जशीट लगाई जा चुकी है। अभी केस का ट्रायल शुरू नहीं हुआ है। अधिवक्ता अकरम अंसारी का कहना है कि रिश्तेदार अपने रुपये मांग रहे हैं। उनके पास इतने रुपये नहीं हैं कि कर्ज चुका सकें। रिश्तेदारों को वर्ष भर से आश्वासन दे रहे हैं कि रकम वापस कर रहे हैं। पुलिस की पैरवी कमजोर है, इस कारण फिरौती में दिए गए रुपये उन्हें वापस नहीं मिल पा रहे हैं। कोर्ट ने आरोपियों से उन रुपयों के बारे में उनका पक्ष रखने के लिए कहा है लेकिन वे जवाब नहीं दे रहे हैं। आगरा पुलिस सरकारी वकील के माध्यम से गंभीरता से पैरवी कराए तो उनके रुपये उन्हें जल्द मिल सकते हैं।एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद का कहना है कि मामले में आवश्यक पैरवी कराई जाएगी, जिससे अधिवक्ता को जल्द रकम मिल सके।