बारिश थमी तो चंबल नदी के जलस्तर में आई आधा फीट की कमी, खतरा बरकरार
पार्वती नदी में उफान आने का पड़ा असर चंबल का जलस्तर बढ़ने से 11 गांवों के लोगों की उड़ी नींद। जिला प्रशासन ने किया एलर्ट नदी से रहें दूर। आज सुबह जलस्तर उतरा है। लेकिन स्टीमर और नावों का संचालन आज भी बंद रखा गया है।
आगरा, जेएनएन। मध्य प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से पार्वती नदी में उफान आ गया है। इसका असर बुधवार सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक चंबल नदी पर पड़ा। 12 घंटे के भीतर चंबल का जलस्तर दस मीटर बढ़ा। जलस्तर 122 मीटर पर पहुंच गया है जबकि खतरे का निशान 132 मीटर है। नदी का तेजी से जलस्तर बढ़ाने पर 11 तटवर्ती गांवों में अलर्ट कर दिया गया है। बाढ़ नियंत्रण चौकी को सक्रिय कर दिया गया है। पुलिस और प्रशासन की आठ टीमें गठित कर दी गई हैं। यह गांवों में नजर रखे हुए हैं। बुधवार दोपहर एक बजे एसडीएम बाह अब्दुल बासित ने पिनाहट घाट सहित कई अन्य क्षेत्रों का निरीक्षण किया। नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने से 11 गांवों के लोगों की नींद उड़ गई है। डीएम प्रभु एन सिंह ने बताया कि पार्वती नदी मध्य प्रदेश की नदी है लेकिन यह नदी चंबल में मिलती है। वहीं गुरुवार सुबह नदी के जलस्तर में आधा फीट की कमी आई है और यह 121.5 मीटर पर पहुंच गया। लोगों को नदी से दूर रहने के लिए कहा गया है।
इन गांवों में किया अलर्ट: बाह तहसील के गांव रैहा, बरैंडा, क्योरी, बीचकापुरा, बासोनी, गुढा, गहरा, रानीपुरा, भटपुरा, झरना का पुरा, सिमराई, मऊ की मढैया।
दिन भर बंद रहा स्टीमर का संचालन: चंबल नदी का जलस्तर बढ़ने के चलते बुधवार सुबह आठ बजे लोक निर्माण विभाग ने स्टीमर का संचालन बंद कर दिया। यह शाम तक बंद रहा। गुरुवार को भी संचालन बंद रहेगा।
कोटा बैराज से पानी छूटा तो बढ़ेगी दिक्कत: एडीएम वित्त एवं राजस्व योगेंद्र कुमार का कहना है कि फिलहाल कोटा बैराज से पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। अगर बैराज से पानी छूटता है तो दिक्कत बढ़ सकती है।