Bird Flu in Agra: बर्ड फ्लू की दहशत से मुर्गे का दाम गिरकर 110 से 85 रुपये तक आया, खरीदारी फिर भी नहीं
फार्म संचालकों से खरीदकर थोक कारोबारी करने लगे मुर्गा-मुर्गी का स्टाक। बीमारी को लेकर हैं बेपरवाह दाम बढ़ने का कर रहे हैं इंतजार। होटल इंडस्ट्री से आने वाली मांग में आई बड़ी गिरावट। बर्ड फ्लू की दहशत से बाजार में 20 फीसद कारोबार रह गया है।
आगरा, सुबान खान। बर्ड फ्लू से चिकिन कारोबार में आई गिरावट के चलते थोक कारोबारियों ने मुर्गा-मुर्गी का स्टाक करना शुरू कर दिया है। उन्हें बीमारी का डर नहीं, बल्कि दाम चढ़ने का इंतजार है। सुल्तानपुरा में दर्जनों थोक कारोबारी मिनी फार्म में दो सौ से लेकर एक हजार तक मुर्गा-मुर्गी रखे हुए हैं।
उप्र, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, केरल सहित दस राज्यों में बर्ड फ्लू की रफ्तार बढ़ती जा रही है। इसके चलते पशु पालन विभाग ने आगरा की सीमा से सटे राज्यों से मुर्गा-मुर्गी और अंडा लाने पर रोक लगा रखी है। उधर, बर्ड फ्लू की दहशत से मुर्गा-मुर्गी के थोक व फुटकर में दाम भी कम हो गए हैं। इस कारण आगरा के थोक कारोबारियों ने मुर्गा-मुर्गियों का स्टाक करना शुरू कर दिया है। सुल्तानपुरा निवासी थोक कारोबारी अनवार ने बताया कि बर्ड फ्लू की दहशत से बाजार में 20 फीसद कारोबार रह गया है। कीमत भी पहले की अपेक्षा 40 फीसद कम हो गई है। दूसरे थोक कारोबारी मंसूर ने बताया हरियाणा व राजस्थान में बर्ड फ्लू फैलने से पहले 110 रुपये प्रति किलोग्राम से 98 रुपये प्रति किलोग्राम तक थोक में कीमत थी। जो बर्ड फ्लू की दहशत से गिरकर 75 रुपये प्रति किलोग्राम से 85 रुपये प्रति किलोग्राम तक रह गई हैं। इससे कारोबार में घाटा होने लग गया है। जिससे मुर्गी-मुर्गा की स्टाक करना शुरू कर दिया।
होटल इंडस्ट्री से भी बड़ा झटका
सुल्तानपुरा निवासी थोक कारोबारी असीम ने बताया कि पहले लाकडाउन की वजह से कारोबार पूरी तरह बंद रहा। अनलाक होने पर बाद में लगभग 70 फ़ीसदी कारोबार शुरू हुआ था। फिर भी होटल इंडस्ट्री बंद रहने से 30 फीसद कारोबार में गिरावट ही रही। विदेशी पर्यटक आने पर ही होटलों में चिकन की मांग बढ़ती है।
छोटे दुकानदार लेते हैं बड़ा मुर्गा
थोक कारोबारी दानिश ने बताया कि चिकन बिक्री करने वाले छोटे दुकानदार बड़ा मुर्गा पसंद करते हैं। जो एक किलोग्राम वजन से ज्यादा के होते हैं। जबकि होटलों में छोटे मुर्गे की सप्लाई होती है।