Tajmahal: फिर बेरोजगार हुए ताजमहल के गाइड और फोटोग्राफर, कोरोना के संक्रमण ने बिगाड़ा काम
ताजमहल पर निरंतर घट रही है पर्यटकों की संख्या। कोरोना वायरस के बढ़ते हुए संक्रमण को देखते हुए नहीं आ रहे हैं पर्यटक। पर्यटकों की संख्या घटने से पहले से प्रभावित गाइड और फोटोग्राफर दुविधा में फंसे। एक वर्ष से काम के लिए हैं परेशान।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच पर्यटकों की घटती संख्या के चलते ताजमहल पर काम करने वाले गाइड और फोटोग्राफर एक बार फिर बेरोजगार हो गए हैं। एक वर्ष से प्रभावित गाइड और फोटोग्राफरों के लिए अब रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है। पर्यटकों के बहुत कम संख्या में आने की वजह से उन्हें बिल्कुल काम नहीं मिल पा रहा है।
कोरोना काल में पिछले वर्ष 17 मार्च को ताजमहल बंद किया गया था। 188 दिनों की बंदी के बाद जब 21 सितंबर को ताजमहल खुला तो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने गाइडों व फोटोग्राफरों पर बंदिशें लगा दीं। ताजमहल में काम करने वाले 465 लाइसेंसी फोटोग्राफरों को चार ग्रुपों में बांटते हुए उनका काम का समय निर्धारित कर दिया गया। ताजमहल में डिपार्टमेंट आफ टूरिज्म और उप्र पर्यटन के करीब एक हजार गाइड भी काम करते हैं। गाइडों को पर्यटक के साथ ही स्मारक में प्रवेश देने की शर्त रखी गई थी। गाइडों व फोटोग्राफरों को दिसंबर से मार्च तक ही थोड़ा-बहुत काम मिला। बहुत से गाइड व फोटोग्राफरों ने काम चलता न देख अन्य कार्यों का रुख किया। अप्रैल में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने और पर्यटकों की संख्या बहुत कम रह जाने के बाद अब ताजमहल में काम करने वाले फोटोग्राफर व गाइड खाली बैठे हैं। अधिकांश फोटोग्राफर व गाइडों को कोई काम नहीं मिल पा रहा है, जिससे वो बेरोजगारी का शिकार हो गए हैं।
15 दिन से काम बहुत कम हो गया था। जब से आगरा में नाइट कर्फ्यू लगा है, तब से ताजमहल में काम बिल्कुल नहीं बचा है। स्थिति बहुत खराब हो गई है।
-सर्वोत्तम सिंह, अध्यक्ष पुरातत्व स्मारक फोटोग्राफर एसोसिएशन
एक वर्ष में केवल दो असाइनमेंट किए हैं। हाल बहुत खराब है। कुछ समझ नहीं आ रहा है। पर्यटकों के नहीं आने से गाइडों को बिल्कुल काम नहीं मिल रहा।
-अमित दत्ता, गाइड