Eco Sensitive Zone: ईको सेंसिटिव जोन से पहले आगरा में कीठम के क्षेत्र का होगा निर्धारण

सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी ने दिल्ली में की बैठक वन विभाग के अफसर पहुंचे। सुप्रीम कोर्ट में जमा की जानी है रिपोर्ट मांगे थे पुराने नक्शे। कीठम के ईको सेंसिटिव जोन के संबंध में पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 24 अप्रैल 2018 को नोटिफिकेशन जारी किया था।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Thu, 02 Sep 2021 11:54 AM (IST) Updated:Thu, 02 Sep 2021 11:54 AM (IST)
Eco Sensitive Zone: ईको सेंसिटिव जोन से पहले आगरा में कीठम के क्षेत्र का होगा निर्धारण
सुप्रीम कोर्ट की सेंट्रल एम्‍पावर्ड कमेटी ने कीठम ने वन क्षेत्र के निर्धारण करने का फैसला लिया है।

आगरा, जागरण संवाददाता। सूर सरोवर पक्षी विहार (कीठम) के ईको सेंसिटिव जोन के निर्धारण में बड़ा पेच फंस गया है। सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी (सीईसी) ने ईको सेंसिटिव जोन से पहले कीठम के ही क्षेत्र के निर्धारण करने पर विचार शुरू कर दिया है। अगर कीठम का क्षेत्र बढ़ता है, तो उसके ईको सेंसिटिव जोन का दायरा भी बढ़ जाएगा। सीईसी इस संबंध में दोबारा बैठक करेगी।

बुधवार को सीईसी के चाणक्यपुरी, दिल्ली स्थित कार्यालय में कीठम के ईको सेंसिटिव जोन के निर्धारण को बैठक हुई। सीईसी को आगरा के डा. शरद गुप्ता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में कीठम का ईको सेंसिटिव जोन निर्धारित करते हुए रिपोर्ट जमा करनी है। बैठक में मौजूद रहे डा. शरद गुप्ता ने बताया कि सीईसी के सदस्यों ने कीठम के ईको सेंसिटिव जोन का निर्धारण करने से पूर्व कीठम के क्षेत्र का निर्धारण करने पर जोर दिया। उन्होंने वन एवं वन्य जीव विभाग के अफसरों से झील व जंगल का क्षेत्रफल निर्धारण करने के बारे में पूछा। कीठम का क्षेत्र रुनकता, सींगना और अरसेना तक है। कीठम के क्षेत्र का निर्धारण होने के बाद ही उसके ईको सेंसिटिव जोन का निर्धारण होगा।

यह है मामला

कीठम के ईको सेंसिटिव जोन के संबंध में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 24 अप्रैल, 2018 को नोटिफिकेशन जारी किया था। दयालबाग निवासी डा. शरद गुप्ता ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने कीठम के ईको सेंसिटिव जोन को घटाकर नोटिफिकेशन करने पर आपत्ति जताई थी। मंत्रालय ने वन एवं वन्य जीव विभाग उप्र द्वारा उपलब्ध कराए गए अभिलेखों व रिकार्ड के आधार पर किए गए नोटिफिकेशन को रद कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में 18 फरवरी को सुनवाई करते हुए सीईसी को कीठम के ईको सेंसिटिव जोन का निर्धारण करते हुए अपनी रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था।

सीईसी ने मांगे हैं पुराने नक्शे व एफीडेबिट

छह अगस्त को सीईसी की टीम आगरा आई थी। उसने सूर सरोवर पक्षी विहार का निरीक्षण करने के साथ वन एवं वन्य जीव विभाग के अफसरों के साथ बैठक की थी। सीईसी ने कीठम का वर्ष 1991 का नक्शा और वन विभाग द्वारा हाईकोर्ट में दाखिल किए गए एफीडेबिट की प्रतियां मांगी थीं।

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