Abhishek Bacchan: रिलीज से पहले हिट हो गई फिल्‍म दसवीं, अभिषेक बच्‍चन ने ला दिया कैदियों में ये बड़ा बदलाव

आगरा की सेंट्रल जेल में हुई थी फिल्म दसवीं की शूटिंग। शूटिंग के बाद बंदियों में शिक्षा को लेकर बढ़ा क्रेज। जेल में संचालित हो रहे राजर्षि टंडन विवि एवं इग्नू के सेंटर में 95 बंदियों ने लिया प्रवेश। सजा पूरी होने तक हासिल हो जाएगी डिग्री भी।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 11:45 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 02:45 PM (IST)
Abhishek Bacchan: रिलीज से पहले हिट हो गई फिल्‍म दसवीं, अभिषेक बच्‍चन ने ला दिया कैदियों में ये बड़ा बदलाव
आगरा में शूटिंग के दौरान जेल से बाहर आते अभिषेक बच्‍चन। फाइल फोटो

आगरा, अली अब्‍बास। अभिषेक बच्चन अभिनीत फिल्म 'दसवीं' सिनेमाघरों के रुपहले परदे पर भले ही अभी न उतरी हो मगर, आगरा की सेंट्रल जेल में तो हिट हो गई। फिल्म की पटकथा में एक बंदी दसवीं की परीक्षा पास करता है। जेल से रिहा होने पर अच्छा इंसान बनता है। सेंट्रल जेल के 95 कैदियों ने स्नातक और स्नातकोत्तर कोर्सेज में प्रवेश लेकर फिल्म की इस पटकथा को सार्थक कर दिया।

सेंट्रल जेल में इस साल फरवरी और मार्च में फिल्म 'दसवीं' की शूटिंग हुई थी। फिल्म में अभिषेक बच्चन दबंग नेता के किरदार में हैं। एक मामले में नेता सलाखों के पीछे पहुंचा दिया जाता है। यहां उसे अनुशासन का पाठ पढ़ाया जाता है। जेल में रहने के दौरान वह दसवीं की परीक्षा पास करता है। कैदियों ने भी शूटिंग का नजारा देखा था। फिल्म की पटकथा के बारे में उन्हें बताया गया था। करीब एक महीने तक हुई शूटिंग ने कैदियों में पढ़ाई के प्रति ललक पैदा हुई। राजर्षि टंडन विवि में 55 कैदियों ने विभिन्न कोर्सेज के लिए प्रवेश लिया है। इनमें से सात ने बीए और अन्य ने विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया है। इग्नू के सेंटर में 40 कैदियों ने प्रवेश लिया है। इनमें एक ने स्नातकोत्तर व एक ने स्नातक में प्रवेश लिया है। इससे पूर्व राजर्षि टंडन विवि में प्रवेश लेने की सुविधा नहीं थी, जबकि इग्नू में सिर्फ 22 कैदियों ने प्रवेश लिए थे।

जेल में शूटिंग के दौरान पुलिसकर्मियों के साथ सेल्‍फी लेते अभिषेक बच्‍चन। 

इन पाठ्यक्रमों में लिया प्रवेश

डेयरी उद्योग जागरूकता पाठ्यक्रम में 37, बीए में सात, जैविक कृषि पाठ्यक्रम में तीन, योग में प्रमाण पत्र में तीन, योग जागरूकता कार्यक्रम में तीन, बागवानी प्रमाण पत्र में दो और पशुधन उत्पादन प्रणाली में एक कैदी ने प्रवेश लिया है। इसी तरह इग्नू द्वारा संचालित सेंटर में स्नातकोत्तर में एक, बीए में दो कैदियों ने प्रवेश लिया है।

स्व अध्ययन में मदद करता है स्टाफ

कैदियों के स्व अध्ययन में जेल का स्टाफ भी उनकी मदद करता है। केंद्रीय कारागार के अनुदेशक पीके सिंह के अनुसार पंजीकरण कराने वाले कैदी को सेंटर द्वारा विषय से संबंधित सामग्री भेजी जाती है। कैदियों को अध्ययन के दौरान किसी तरह की दिक्कत आने पर काउंसलर उनकी मदद व समाधान करते हैं।

सेंट्रल जेल में 96 फीसद कैदी आजीवन कारावास की सजा पाए हैं। व्यावसायिक शिक्षा के बाद ये हुनरमंद हो जाएंगे। बंदी सुधार और पुनर्वास व्यवस्था का उद्देश्य भी यही है।

-वीके सिंह, वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार

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