कुख्यात मेव गैंग, मोबाइल पर ऑपरेट होता है गैंग, दे रहे बड़ी वारदातों को अंजाम
मेव गिरोह का नेटवर्क मैन-टू-मैन है। मोबाइल पर काम और दाम तय होते हैं इसके बाद गिरोह एक जगह एकत्र होता है। फिर वारदात को अंजाम देने की रणनीति तय होती है। ऐसा नहीं है कि गिरोह के सदस्य आधुनिक तकनीक में दक्ष नहीं हैं।
आगरा, मनोज चौधरी। खाली हो तो बताओ, आज काम पर चलना है...। बस यही वह शब्द हैं, जो एक घंटे में बड़ी से बड़ी लूट की घटना के लिए गिरोह तैयार कर देते हैं। सुनने और पढऩे में थोड़ा अचरज जरूर होगा, लेकिन मेव गिरोह के शातिर वारदात को अंजाम देने के लिए यही तरीका अपनाते हैं। लक्ष्य (वारदात के लिए शिकार) तय करने के साथ ही आननफानन में गिरोह तैयार हो जाता है। जो लक्ष्य तय करता है, वह ही वारदात करने वाले गिरोह का मुखिया होता है। संदेश मोबाइल पर दिया जाता है, जो खाली होता है, वह अपने काम का रेट बता देता है। पिछले दिनों आठ करोड़ के मोबाइल से लदे कंटेनर को इसी तरह लूटा गया।
मेव गिरोह का नेटवर्क मैन-टू-मैन है। मोबाइल पर काम और दाम तय होते हैं, इसके बाद गिरोह एक जगह एकत्र होता है। फिर वारदात को अंजाम देने की रणनीति तय होती है। ऐसा नहीं है कि गिरोह के सदस्य आधुनिक तकनीक में दक्ष नहीं हैं। वे जानते हैं, अगर मोबाइल का इस्तेमाल किया, तो पुलिस के हत्थे चढ़ सकते हैैं।
ओप्पो कंपनी के मोबाइल लूटने की योजना थाना शेरगढ़ क्षेत्र के गांव विशंभरा में बनाई गई। वहां का जुबैर अपने साथियों के साथ शातिर मुज्जी उर्फ मुजाहिद से मिलने पुन्हाना (मेवात) गया था। मुज्जी ने शहाबुद्दीन से मुलाकात कराई। शहाबुद्दीन ने अपने साथियों से मिलवाया। मुजाहिद की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में पुलिस को ये जानकारी मिली।
इनके लिए व्यापार है अपराध
मेव गिरोह के लिए अपराध, व्यापार है। लक्ष्य तय करने वाला सौदा दो तरह से करता है। एक लूटे माल में हिस्सेदारी का, दूसरा माल कितने का भी लूटा जाए या फिर लूट में असफल हो जाए, सदस्य को मुखिया से तय रकम चाहिए। गिरफ्तारी होने से जेल जाने और जमानत पर छूटकर आने तक कितना खर्च होगा और उसके बाद लूट का कितना माल बचेगा, इसका भी गुणा-भाग किया जाता है।
ये है मेवात क्षेत्र
मथुरा : गांव विशंभरा, हाथिया, देवसेरस, सिरौली, नगला उटावर।
हरियाणा : मेवात के गांव रैपुआ, सिकरावा, बुराका, उटावड़, तावडू, नासिरपुर, बिलासपुर, नैनवाल, सबरस, डिडहारा।
राजस्थान : इकलहरा, कामा, जुरैहरा, लवाड़ा आदि गांव।
ये है मोबाइल लूट की घटना
पांच अक्टूबर, 2021 को ग्रेटर नोएडा से बेंंगलुरु ओप्पो कंपनी के 8990 मोबाइल लेकर कैंटर जा रहा था। मथुरा में हाईवे के पास से दो बदमाश कैंटर में सवारी बनकर बैठ गए। फिर झांसी में बबीना टोल से आगे कैंटर चालक एटा निवासी मुनीष यादव को कब्जे में लिया और मध्य प्रदेश के श्योपुर के पास उसे फेंककर कैंटर लेकर भाग गए। बाद में कैंटर से आठ करोड़ के मोबाइल लूटने के बाद खाली कैंटर मध्य प्रदेश के आगरा-मालवा क्षेत्र में फेंक दिया। पुलिस ने अब तक 18 बदमाशों को गिरफ्तार कर 3.18 करोड़ के मोबाइल बरामद कर चुकी है।
मथुरा के अपराधियों की मेवात में रिश्तेदारियां हैं। वे एक-दूसरे से मिलकर गिरोह तैयार करते हैं। वह एक दूसरे के ठिकाने पर जाकर ही वारदात की योजना बनाते हैं। मैन-टू-मैन ही गिरोह को एकत्र होने में एक घंटे का समय लगता है। कोई भी किसी के गिरोह में शामिल हो जाता है।
-एमपी सिंह, एसपी सिटी, मथुरा।