ADA: नक्शा पास करने में नहीं चलेगा बहाना, समय पर लगानी पड़ेगी रिपोर्ट

प्रमुख सचिव आवास ने जारी किया आदेश। जेई के दिनों की संख्या को बढ़ाने की मांग। मांगे गए सुझाव। 15 दिन किए गए हैं निर्धारित।आनलाइन बिल्डिंग प्लान एप्रूवल सिस्टम (ओबीपीएएस) से नक्शा पास होने में पूर्व में एक माह का समय लगता था।

By Nirlosh KumarEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 04:25 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 04:25 PM (IST)
ADA: नक्शा पास करने में नहीं चलेगा बहाना, समय पर लगानी पड़ेगी रिपोर्ट
15 दिनों के भीतर नक्शा पास करना होगा।

आगरा, जागरण संवाददाता। नक्शा पास करने में अब आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) के अफसरों और इंजीनियरों का कोई बहाना नहीं चलेगा। 15 दिनों के भीतर नक्शा पास करना होगा। आनलाइन बिल्डिंग प्लान एप्रूवल सिस्टम (ओबीपीएएस) से नक्शा पास होने में पूर्व में एक माह का समय लगता था, जिससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। एडीए अफसरों के पास सप्ताह में तीन से चार शिकायतें पहुंचती थीं। वहीं, प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार के आदेश के बाद अब अवर अभियंता (जेई) के लिए निर्धारित दिनों की संख्या को बढ़ाने की मांग की गई है। इसके लिए एडीए अफसरों से सुझाव मांगे गए हैं।

प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग से ओबीपीएएस की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सभी अफसरों और इंजीनियरों को 15 दिनों के भीतर नक्शा पास करना होगा। जिस इंजीनियर के यहां नक्शा लंबित होगा, उससे स्पष्टीकरण तलब होगा। जनता को परेशानी न हो, इस बात का ध्यान रखा जाएगा। ऐसे में नक्शा को लेकर जो भी आवेदन आते हैं, उन्हें निर्धारित अवधि के भीतर पूरा किया जाए। एडीए उपाध्यक्ष डा. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि ओबीपीएएस में जो भी नक्शे आ रहे हैं, हर दिन के नक्शों की समीक्षा की जा रही है।

यह हैं निर्धारित दिन

-जेई, तीन दिन

-सहायक अभियंता, एक दिन

-नगर नियोजक, एक दिन

-मुख्य नगर नियोजक, दो दिन

-सचिव, तीन दिन

-उपाध्यक्ष, पांच दिन।

आस्था सिटी में नगर निगम की भी है जमीन

जीवनी मंडी रोड स्थित आस्था सिटी में नगर निगम की दो हजार वर्ग मीटर जमीन है। यह जमीन यमुना नदी की तरफ है। इसके अलावा सिंचाई विभाग की भी जमीन शामिल है। जोंस मिल की जमीन होने के चलते सात माह पूर्व तत्कालीन तहसीलदार सदर प्रेमपाल सिंह ने जमीन का दाखिल-खारिज रद किया था। अभी तक नगर निगम, पुलिस और सिंचाई विभाग ने जमीन पर कब्जा नहीं लिया है। जमीन पर कब्जा लेने के लिए डीएम प्रभु एन. सिंह संबंधित विभाग के अफसरों को तीन पत्र लिख चुके हैं। डीएम ने बताया कि संबंधित विभागाध्यक्ष को जमीन पर कब्जा लेने के आदेश दिए जा चुके हैं।

19 जुलाई 2020 को हुआ था बम कांड

जोंस मिल में 19 जुलाई, 2020 को बम कांड हुआ था। डीएम प्रभु एन. सिंह के आदेश पर तत्कालीन एडीएम प्रशासन निधि श्रीवास्तव ने मामले की जांच की। 18 दिसंबर, 2020 को रिपोर्ट डीएम को दी। रज्जो जैन, हेमेंद्र अग्रवाल और कंवलदीप सिंह को दोषी पाया गया। इसी साल तीनों लोगों को भू माफिया घोषित किया गया। जोंस मिल की जमीन 2500 करोड़ रुपये की है।

रद हो चुका है नक्शा

जीवनी मंडी पुलिस चौकी के समीप निर्माणाधीन बिल्डिंग का नक्शा नौ माह पूर्व तत्कालीन एडीए उपाध्यक्ष डा. देवेंद्र कुशवाहा के आदेश पर रद हो चुका है। यह बिल्डिंग पुलिस विभाग की जमीन पर बन रही है।

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