आगरा में आरोपित के जुर्म कबूल करने पर अदालत ने सुनाया यह सहानुभूति से भरा फैसला
साढ़़े चार साल साल से जेल में निरुद्ध था चोरी व माल बरामदगी का आरोपित। अदालत ने जेल में बिताई सजा एवं 800 रुपये जुर्माने से किया दंडित। आरोपित ने कहा अपनी जमानत देने में असमर्थ में है। वृद्ध मां है जो उस पर आश्रित है।
आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा की जिला जेल में चोरी एवं माल बरामदगी के मामले में साढ़े चार साल से निरुद्ध आरोपित ने अदालत में अपना जुर्म कबूल कर लिया। जिस पर अपर जिला जज की अदालत ने आरोपित को जेल में बिताई सजा एवं 800 रुपये से दंडित करने का आदेश किया। जुर्माने की रकम जमा न करने पर आरोपित को दस दिन के अतिरिक्त कारावास की सजा से दंडित किया।
घटना वर्ष 2017 की है। इरादत नगर थाने में दिनेश व अन्य के खिलाफ गृह स्वामी को बेहोश कर घर में चोरी करने का मुकदमा दर्ज कराया गया था। पुलिस ने दिनेश व उसके साथियों से चोरी का माल बरामद किया था। आरोपित दिनेश को गिरफ्तार करके जेल दिया था। वह मार्च 2017 से जिला जेल में निरुद्ध था।
आरोपित दिनेश ने अपराध स्वीकार करते हुए अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था। जिसमें उसने कहा कि वह अत्यंत निर्धन है। वह कोई पैरोकार न करने एवं अपनी जमानत देने में असमर्थ में है। उसके घर में पिता की मृत्यु के बाद वृद्ध मां है, जो उस पर आश्रित है। आरोपित के अपना अपराध स्वीकार करने के प्रार्थना पत्र पर जेल प्रशासन द्वारा भी आख्या अदालत में प्रेषित की गई थी। जिस पर अपर जिला जज ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने आरोपित को जेल में बिताई सजा एवं 800 रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता संतोष भाटी द्वारा की गई।
हत्या के आरोपित को नहीं मिली जमानत
हत्या के आरोपितों को अदालत से जमानत नहीं मिल सकी। जिला जज नलिन कुमार श्रीवास्तव ने आरोपितों की ओर से प्रस्तुत जमानत प्रार्थना-पत्र को खारिज करने के आदेश किए। सदर थाने में दशरथ सिंह ने जयपाल सिंह निवासी मागरौल गूर्जर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके अनुसार उसका भतीजा दिनेश अपने साथी सुभाष के साथ रोहता स्थित ठेके पर शराब पी रहा था। वहां पर आरोपित जयपाल और जितेंद्र से उसका विवाद हो गया। दोनों आरोपितों ने वादी के भतीजे दिनेश की पीट-पीटकर कर हत्या कर दी। प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद उपलब्ध साक्ष्यों व जिला शासकीय अधिवक्ता बसंत गुप्ता के तर्क के आधार पर जिला जज ने आरोपित की जमानत खारिज करने के आदेश किए।