अलीगढ़, बरेली और फर्रूखाबाद के ध्यानार्थ--लोन का लालच देकर चला रहे थे ठगी का काल सेंटर

आवास विकास कालोनी के सेक्टर 12 स्थित मार्केट में एसटीएफ ने मारा छापा सरगना समेत चार आरोपित गिरफ्तार दो हजार लोगों से करोड़ों की ठगी का दावा

By JagranEdited By: Publish:Sun, 21 Nov 2021 09:38 PM (IST) Updated:Sun, 21 Nov 2021 09:38 PM (IST)
अलीगढ़, बरेली और फर्रूखाबाद के ध्यानार्थ--लोन का लालच देकर चला रहे थे ठगी का काल सेंटर
अलीगढ़, बरेली और फर्रूखाबाद के ध्यानार्थ--लोन का लालच देकर चला रहे थे ठगी का काल सेंटर

आगरा, जागरण संवाददाता। आवास विकास कालोनी के सेक्टर 12 स्थित सत्यम कांप्लेक्स में सस्ते ब्याज पर लोन दिलाने के नाम पर शातिर ठगी का अंतरराज्यीय काल सेंटर चला रहे थे। विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने शनिवार को काल सेंटर पर छापा मारकर चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ का दावा है कि गिरोह अब तक दो हजार लोगों से करोड़ों की ठगी कर चुका है।

एसटीएफ की आगरा इकाई के इंस्पेक्टर हुकुम सिंह ने बताया आरोपितों के नाम जीतू सिंह निवासी सैनिक कालोनी संजय नगर बरेली, सौरभ शर्मा निवासी हेमंत नगर रावण टीला क्वार्सी अलीगढ़, दीपक कुमार निवासी गांव मंजना थाना नवाबगंज फर्रूखाबाद और प्रेम सिंह निवासी पुष्प विहार कालोनी सासनी गेट अलीगढ़ हैं। गिरोह का सरगना प्रेम सिंह है। एसटीएफ के अनुसार संजय प्लेस में इसी तरह का काल सेंटर पकड़ा था। तब इसी तरह के एक और काल सेंटर की जानकारी मिली थी।

आरोपितों ने एसटीएफ को बताया कि छह महीने पहले आगरा में काल सेंटर खोला था। इससे पहले अलीगढ़ में इसी तरह का काल सेंटर चलाते थे। आवास विकास में उन्होंने 25 हजार रुपये महीने किराए पर कार्यालय लिया था। आरोपितों ने बताया कि वे करीब दो हजार लोगों से ठगी कर चुके हैं। गिरोह लोन की फाइल प्रोसेस के नाम पर 20 से 25 हजार रुपये तक खाते में जमा करा लेता था। कई लोगों से 50 हजार रुपये तक जमा कराए थे। जेल में बंद साझीदारी ने खुलवाया था काल सेंटर

आरोपित प्रेम सिंह ने एसटीएफ को बताया कि उक्त काल सेंटर अनुराग उर्फ चंद्रवीर उर्फ फौजी ने साझीदारी में खुलवाया था। चंद्रवीर अलीगढ़ के थाना इगलास के गांव फतेहपुर का रहने वाला है। वर्तमान में दहेज हत्या के मामले में अलीगढ़ जेल में निरुद्ध है। अनुराग ठगी का काम लंबे समय से कर रहा था। उसने सौरभ को 15 हजार रुपये व दीपक को दस हजार रुपये महीना वेतन पर रखा था। दोनों ठगी के खेल में शामिल थे। काल सेंटर में रखी थीं 20 युवतियां

गिरोह ने लोगों को लोन के जाल में फंसाने के लिए काल सेंटर पर 18 से 20 युवतियां को रखा हुआ था। जिन युवतियों की अंग्रेजी अच्छी होती, उन्हें दस हजार रुपये महीने तक वेतन देते थे। एक युवती को एक दिन में 100 नंबर पर फोन करना होता था। शातिरों ने युवतियों को बताया था कि वे फाइनेंस कंपनी चलाते हैं। युवतियों के माध्यम से शिकार को जाल में फंसाने के बाद शातिर फाइल चार्ज समेत अन्य सारे काम अपने हाथों में ले लेते थे, जिससे कि युवतियों को उनके द्वारा की जा रही ठगी की भनक न लग सके। लोन को आईं 229 फाइल बरामद

एसटीएफ को काल सेंटर लोन से संबंधित 229 फाइल, 20 सिम, एक स्कार्पियो, एक बाइक, एक पिस्टल, आधा दर्जन से ज्यादा सिम कार्ड और 65 हजार 500 रुपये बरामद किए हैं। पिस्टल का लाइसेंस प्रेम सिंह के नाम है। उसे अलीगढ़ पुलिस ने कई साल पहले हत्या व आ‌र्म्स एक्ट के आरोप में जेल भेजा था। सवाल उठ रहा है कि इसके बावजूद उसके शस्त्र लाइसेंस का नवीनीकरण कैसे हो गया। गैंग का सदस्य दीपक धोखाधड़ी के मामले में अलीगढ़ से पूर्व में जेल जा चुका है।

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