Migrated Birds: विदेशी मेहमानों के कलरव से गुलजार हुए चंबल नदी के किनारे

आगरा और आसपास के इलाकों में इस साल रिकार्ड तोड़ विदेशी पक्षियों के प्रवास पर आने की संभावना। ठंडे इलाकों में बर्फबारी शुरू हो चुकी है। साइबेरियन और फ्लेमिंगो पहुंचे बढ़ा दी गई है कांबिंग। शिकारी भी हो जाते हैं इस समय सक्रिय।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 09:50 AM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 09:50 AM (IST)
Migrated Birds: विदेशी मेहमानों के कलरव से गुलजार हुए चंबल नदी के किनारे
आगरा और आसपास के इलाकों में विदेशी पक्षी डेरा जमाने लगे हैं।

आगरा, प्रभजोत कौर। सर्दियां आते ही चंबल के अलावा आगरा के वेटलैंड्स भी प्रवासी पक्षियों से गुलजार हो गए हैं। इस साल रिकार्ड तोड़ पक्षी आने की संभावना है। वन विभाग ने तैयारियां कर ली हैं। दरअसल विदेशी पक्षियों के प्रेमी जहां उनकी हर गतिविधि को कैमरे में कैद करने के लिए यहां दो महीने तक डेरा जमाते हैं। वहीं शिकारी भी सक्रिय हो जाते हैं, वे मौका पाकर विदेशी पक्षियों का शिकार करते हैं, इसके चलते वन विभाग की टीम ने कांबिंग बढ़ा दी है।

सर्दी शुरू होते ही ठंडे इलाकों से हर साल लगभग पांच हजार पक्षी चंबल नदी किनारे आते हैं। हजारों मील लंबी दूरी तय करके विदेशी साइबेरियन मेहमानों के साथ ही फ्लेमिंगो पक्षी चंबल सेंचुरी में आना शुरू हो गए हैं। विदेशी पक्षियों के आने की आहट मिलते ही सतर्कता बढ़ा दी गई है। नवंबर माह के मध्य से फरवरी माह के आखिर तक बड़ी तादाद में चंबल नदी के किनारे विभिन्न प्रजातियों के दुर्लभ पक्षियों का आगमन होता है। मौसम अनुकूल होने के कारण इस काल को प्रजनन के लिए बहुत उपयुक्त माना जाता है। मौसम में गर्मी आने से पहले अपने बच्चों को साथ लेकर वापस लौट जाते हैं। इन विदेशी मेहमानों की रखवाली के लिए नदी किनारे कांबिंग बढ़ा दी गई है।

कहां से आते हैं पक्षी

हिमालय, मलेशिया, साइबेरिया, रूस, यूरोपियन देशों से पक्षी आते हैं। इन दिनों हिमालय और यूरोपीय देशों से पक्षी चंबल सेंचुरी पहुंच चुके हैं। इन देशों में बर्फ पड़ने से पक्षियों के सामने प्रजनन व खाने-पीने की समस्या आती है। जिसके कारण वे चंबल क्षेत्र में आ जाते हैं। यहां भोजन-पानी के साथ प्रजनन की अनुकूलता होती है। साइबेरियन पक्षी के अलावा रूडी शेलडक, पेंटेड स्टार्क, विसलिंग टील, ब्लैक आइबिस, बार हेडेड गीज, ब्लैक नेक्ड स्टार्क, पेलेसिस गल, टेल टिंगो, कार्बोनेट आदि पक्षियों का आगमन शुरू हो गया है। ये पक्षी दिसंबर शुरू होते-होते हजारों की संख्या में नदी किनारे डेरा जमा लेते हैं।

इस साल ज्यादा आएंगे पक्षी

डीएफओ चंबल दिवाकर श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले साल लगभग पांच हजार पक्षियों की आवक हुई थी। इस साल रिकार्ड तोड़ पक्षी आने की संभावना है क्योंकि इस साल सर्दी ज्यादा पड़ेगी। ठंडे इलाकों में बर्फबारी शुरू हो चुकी है। इससे विभाग के साथ ही पक्षी प्रेमी भी काफी उत्साहित हैं।

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