आगरा के अधिवक्ता का अपहरण और हत्या करने वाले आरोपितों को अदालत से नहीं मिली जमानत
जोंस मिल से संबंधित मुकदमों में वारिस की पैरवी कर रहे थे अधिवक्ता। 26 अक्टूबर 2020 को अधिवक्ता कपिल पंवार का हुआ था अपहरण। इटावा की नहर में हत्या करके फेंकी गई थी लाश। अधिवक्ता की सास समेत अन्य आरोपितों को पुलिस ने भेजा था जेल।
आगरा, जागरण संवाददाता। छत्ता इलाके से पांच महीने पहले अधिवक्ता का अपहरण करके उसकी हत्या करने के आरोपितों का जमानत प्रार्थना पत्र अदालत ने खारिज कर दिया। अधिवक्ता कपिल पंवार जोंस मिल से संबंधित मुकदमाें में उसकी वारिस की ओर से
पैरवी कर रहे थे। अधिवक्ता के हत्यारोपितों ने उनका अपहरण करने बाद हत्या करके लाश को इटावा के भरथना इलाके में एक नहर में फेंक दिया था।हत्यारोपितों संजय मोहन और भीकम सिंह की ओर से प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र को विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावी क्षेत्र की अदालत ने खारिज कर दिया।
छत्ता के जीवनी मंडी निवासी अधिवक्ता कपिल पंवार की की गुमशुदगी उनकी मां ने 26 अक्टूबर 2020 को दर्ज कराई थी। दो दिन बाद अधिवक्ता की लाश इटावा से बरामद होने पर पुलिस ने अपहरण, हत्या व लूट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। विवेचना में राहुल, अनवर का नाम सामने आया।दाेनों से पूछताछ करने पर उन्होंने जीतू के भी शामिल होना बताया। आरोपितों की निशानदेही पर पुलिस ने अधिवक्ता की कार बरामद की थी। जीतू ने पुलिस को बताया था कि संजय मोहन और भीकम सिंह भी हत्या की साजिश में शामिल थे। अंडे की भुर्जी में नशीली दवा मिलाकर उसे बेहोश कर दिया था।
इसके बाद अधिवक्ता की हत्या करके लाश को इटावा में नहर में फेंक दिया था। जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के दौरान अभियोजन अधिकारी मनीष मिश्रा व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता आदर्श चौधरी ने तर्क दिया कि आरोपितों का अपराध गंभीर प्रकृति का है। उन्होंने साजिश के तहत अधिवक्ता की हत्या की है। इस पर अदालत ने आरोपितों द्वारा प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र खारिज करने के आदेश दिए।
आगरा में तैनात रही थीं इंस्पेक्टर पत्नी
अधिवक्ता की पत्नी ममता पंवार इंस्पेक्टर थीं। वह आगरा में तैनात रही थीं। वर्ष 2019 में उनका स्थानांतरण प्रयागराज हो गया था। वहां पर 24 सितंबर को दिमाग की नस फटने पर उन्हें पीजीअाइ में भर्ती कराया था। यहां पर 27 सितंबर काे उनकी मौत हो गई थी।