Gold Robbery: मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी डकैती कांड के आरोपितों को नहीं मिली जमानत

कमला नगर की मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी की शाखा में 17 जुलाई को बदमाशों ने दिनदहाड़े डकैती डाली थी। वहां से 16 किलोग्राम से अधिक सोना लूटकर ले गए थे। पुलिस से मुठभेड़ में दो बदमाश मारे गए थे। उनसे साढ़े सात किलोग्राम सोना बरामद किया था।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 04:09 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 04:09 PM (IST)
Gold Robbery: मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी डकैती कांड के आरोपितों को नहीं मिली जमानत
मणप्‍पुरम गोल्‍ड लोन कंपनी से सोना लूटने के आरोपितों की जमानत अदालत ने खारिज कर दी।

आगरा, जागरण संवाददाता। कमला नगर में मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी में डकैती डालकर 16 किलोग्राम से ज्यादा सोना लूटने की घटना में आरोपित मां-बेटे को जमानत नहीं मिल सकी। विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावी क्षेत्र परवेंद्र कुमार शर्मा ने आरोपित सुनीता देवी और उसके पुत्र गौतम सागर की ओर से प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र खारिज करने के आदेश दिए।

कमला नगर की मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी की शाखा में 17 जुलाई को बदमाशों ने दिनदहाड़े डकैती डाली थी। वहां से 16 किलोग्राम से अधिक सोना लूटकर ले गए थे। पुलिस से मुठभेड़ में दो बदमाश मारे गए थे। उनसे साढ़े सात किलोग्राम सोना बरामद किया था। पुलिस ने फीरोजाबाद के थाना हुमायूंपुर के गांव नगला पचिया निवासी सुनीता देवी से दो सोने की चूड़ी, एक अंगूठी व नगदी जबकि उसके पुत्र गौतम से दो सोने की चूड़ी और नकदी बरामद की थी। आरोपित सुनीता का पति संतोष कुमार डकैती में शामिल था। जिससे पुलिस ने एक किलोग्राम से अधिक सोना और 60 हजार रुपये बरामद किया था। आरोपित सुनीता देवी और उसके पुत्र गौतम सागर की ओर से प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र को विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावी क्षेत्र की अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए खारिज करने के आदेश दिए।

फर्जी दस्तावेजों से बैंक लोन मामले में आरोपित को मिली जमानत

फर्जी दस्तावेजों से बैंक लोन मामले में आरोपित अरुण पाराशर की ओर से प्रस्तुत जमानत पत्र को स्वीकृत करते हुए अपर जिला जज मिर्जा जीनत उसकी रिहाई के आदेश दिए। एसटीएफ ने 29 अगस्त को संजय प्लेस से अरुण पाराशर और संदीप शर्मा निवासी नगला अजीता, जगदीशपुरा को गिरफ्तार किया था। दोनों पर बैंकों में फर्जी रजिस्ट्री बंधक रख उनसे कई करोड़ का लोन लेने का आरोप था। मामले में हरीपर्वत थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोपित की ओर से प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र पर बचाव पक्ष के अधिवक्ता विजय आहूजा के तर्क के आधार पर अदालत ने उसकी जमानत स्वीकृत करते हुए रिहाई के आदेश दिए।

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