वायु प्रदूषण की चपेट में ताजनगरी

आगरा: ताजनगरी भी वायु प्रदूषण की चपेट में है। शनिवार को सीड की कार्यशाला में इस पर गहन मंथन

By JagranEdited By: Publish:Sun, 23 Sep 2018 09:03 AM (IST) Updated:Sun, 23 Sep 2018 09:03 AM (IST)
वायु प्रदूषण की चपेट में ताजनगरी
वायु प्रदूषण की चपेट में ताजनगरी

आगरा: ताजनगरी भी वायु प्रदूषण की चपेट में है। शनिवार को सीड की कार्यशाला में इस पर गहन मंथन हुआ। वायु प्रदूषण के स्वास्थ्य संबंधी दुष्प्रभावों पर न केवल चर्चा बल्कि निदान पर भी बात हुई। विशेषज्ञों ने कहा कि सबसे अधिक मौतें वायु प्रदूषण की चपेट में आने से हो रही हैं।

सेंटर फॉर एन्वॉयरमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) की कार्यशाला में स्टडी पर वायु प्रदूषण को लेकर मंथन हुआ। कार्यशाला का नाम दिया, एयर क्वालिटी क्राइसिस एंड पब्लिक हेल्थ इंपैक्ट्स। विशेषज्ञों ने बताया कि लैंसेट कमीशन की स्टडी में सामने आया है कि देश के शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण से समय से पहले मौतों की संख्या बढ़ रही है। श्वांस व हृदय संबंधी बीमारियां भी बढ़ रही हैं। पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन की रिसर्च साइंटिस्ट डॉ. गगनदीप कौर वालिया ने बताया कि दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में आगरा का आठवां स्थान है। रिपोर्ट में सामने आया है कि वर्ष 2016 में समयपूर्व होने वाली मौतों में 17 फीसद वायु प्रदूषण के कारण हुईं। यूपी में ही अकेले तीन लाख मौत वर्ष 2016 में केवल वायु प्रदूषण के कारण हुई हैं। खास बात ये है कि ये मौतें एचआइवी, टीबी और मलेरिया से होने वाली मौतों से तीन गुना अधिक हैं। सीड की सीनियर प्रोग्राम ऑफिसर अंकिता ज्योति ने बताया कि वायु प्रदूषण नियंत्रण से संबंधित पब्लिक पॉलिसी बनाने के दौरान इसके मानव स्वास्थ्य पर घातक व जहरीले प्रभावों को बेहद गहराई से समझने की जरूरत है। विशेषज्ञों ने सहमति जताई कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं अलार्मिग स्तर पर हैं। इसे स्थानीय स्तर पर ही निपटने की जरूरत है।

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