आगरा में रोडवेज बसाें में जा रहा टैक्स चोरी का माल, कभी-कभार जांच में सेटिंग

माफियाओं ने बसों को बनाया माध्यम रोज करोड़ों रुपये का माल होता इधर से उधर। महीने दो महीने में एक बार जांच होती है तो पकड़ा जाता है टैक्‍स चोरी का माल। उसके लिए दलाल सक्रिय हैं जो सेटिंग कराकर छुड़ा रहे आसानी से।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 01:44 PM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 01:44 PM (IST)
आगरा में रोडवेज बसाें में जा रहा टैक्स चोरी का माल, कभी-कभार जांच में सेटिंग
आइएसबीटी के बाहर आकर कर चोरी का सामान भरती बस।

आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा से टैक्स की चोरी कर का माल ट्रकों के माध्यम से ही पड़ोसी राज्यों और सूबे के विभिन्न जिलों तक पहुंच रहा है। हाल ही में रामपुर में दवाईयों की बड़ी खेप पहुंची थी, जो आगरा से गई थी। इसका माध्यम भी बस ही था। टैक्स चोर माफियाओं ने बसों के माध्यम से टैक्स चोरी का माल पहुंचाना शुरू कर दिया है। रोज करोड़ों रुपये का माल आगरा से बसों से इधर से उधर जा रहा है, लेकिन वाणिज्य कर विभाग के साथ-साथ परिवहन विभाग और परिवहन निगम के अधिकािरियों ने आंखें मूंद रखी हैं।

वाणिज्य टैक्स चोरी का माल लाने ले जाने में अभी तक आगरा की उन सभी ट्रांसपोर्ट का सिक्का चलता रहा है, जो दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, मध्ययप्रदेश, व आसपास के जनपदों से कर चोरी का माल लाने में माहिर हैं। इन राज्यों में इनका वर्चस्व था। उप्र में वाणिज्य कर विभाग के सख्त होने के बाद ट्रकों का आवागमन कम हुआ तो टैक्स चोरों ने अब रोडवेज व निजी बसों को अपना माध्यम बना लिया है। अधिकतर रोडवेज बसों ने वाटर वर्क्स, टेड़ी बगिया, आइएसबीटी के बाहर हाईवे पर, ईदगाह बस स्टैंड के निकट, बिजली घर चौराहे सहित दूसरे स्थानों से अनाधिकृत माल भर लेती हैं, कुछ में तो बस स्टैंड के अंदर ही माल भर लिया जाता है। रात ही नहीं दिन में दौड़ने वाली रोडवेज बसें बोरियां, पेटि्यां भरकर चल रही हैं, निजी बसों ने तो हद ही कर दी है। कुछ तो अवैध माल ढोने का काम कर रही हैं, तो सवारियों के साथ डिग्गी में माल लेजाया जा रहा है। इनकी डिग्गियां पहले ही बुक हो जाती है। कुछ बसें तो उसी रूट पर भेजी जाती हैं, जिनका माल बुक हो जाता है। माल पहुंचाने का ये काकस प्रदेश के अंदर ही नहीं बल्कि अंतरराज्यीय है, जिसके तार राजस्थान, मप्र, दिल्ली और हरियाणा से जुड़े हुए हैं। दूसरे स्थानों से माल मंगाने और आगरा से माल पहुंचाने के लिए बुकिंग काउंटर बने हैं, तो आनलाइन भी व्यवस्था चल रही है। बस का नंबर, समय और स्थान बता दिया जाता है। साथ ही हेल्पर का नंबर उपलब्ध कराया जाता है। बस में माल भरने के बाद उसे सुरक्षित पहुंचाया जाता है। अधिकतर स्लीपर कोच और लग्जरी निजी बसें रात को ही चलती हैं और गंतव्य तक सुबह पहुंच जाती हैं। कुछ लंबी दूरी भी जाती हैं। निर्धारित स्थानों पर इनकी डिग्गियां भरी जाती हैं, जिसमें दवाईयां, चांदी की पायल, मसाले, जूते, कपड़े, इलेक्ट्रानिक सामान और दूसरे सामान होते हैं।

यातायात नियमों का पालन नहीं करने वाली बसों पर प्रवर्तन दल को नियमित कार्रवाई के निर्देश है। सवारियों की जगह बस में माल ढ़लाई नहीं होनी दी जाएगी।

प्रमोद कुमार, आरटीओ प्रशासन

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