जरा संभल कर, हर मुहाने पर खुले हैं मौत के नाले

सौ वार्डों में हैं 331 नाले जिसमें 45 फीसद नालों की दीवार पड़ी है टूटी जरा सी बारिश में ओवरफ्लो करने लगते हैं नाले सदन में मुद्दा उठाने और शिकायतें करने के बाद भी नहीं दिया जा रहा है ध्यान

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 08:27 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 08:27 PM (IST)
जरा संभल कर, हर मुहाने पर खुले हैं मौत के नाले
जरा संभल कर, हर मुहाने पर खुले हैं मौत के नाले

आगरा, जागरण संवाददाता।

- वार्ड 41 के पार्षद राहुल चौधरी ने 27 जनवरी 2020 को बालाजीपुरम-अलबतिया रोड नाले की दीवार टूटने को लेकर नगरायुक्त निखिल टीकाराम को पत्र दिया था। नगरायुक्त ने अधिशासी अभियंता आशीष शुक्ला को दीवार की तत्काल मरम्मत के आदेश दिए। पार्षद ने बताया कि बजरंग डेरी के सामने के नाले की दीवार टूटने की मरम्मत अभी तक नहीं कराई गई है। अब तक तीन बार ज्ञापन दिया जा चुका है। नाले का पानी रोड पर बहकर आ जाता है। - वार्ड 45 के पार्षद राजेश प्रजापति ने टीला गोकुलपुरा नाला, अशोक नगर (होमगार्ड कार्यालय के सामने) नाला की दीवार टूटने की शिकायत 20 जून 2020 को पहली बार और 20 फरवरी 2021 को दूसरी बार अधिशासी अभियंता आशीष शुक्ला से की थी। इसके बाद मेयर को भी इसकी शिकायत की गई, लेकिन आज तक नाला का निर्माण नहीं हुआ है। नाला के पास बस्ती है। बारिश होने पर नाला ओवरफ्लो करने लगता है और रोड पर गंदा पानी भर जाता है। इससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। पार्षद ने बताया कि बारिश में किसी भी हादसे से इन्कार नहीं किया जा सकता है। शहर के यह तो दो ही नालों की दीवार के उदाहरण हैं। खतैना हो या फिर जगजीवन नगर, फतेहाबाद रोड, मंटोला, रोशन मुहल्ला, टीबीडीसी नाला या फिर अन्य। इन नालों की दीवारों को टूटे हुए एक से दो साल हो चुके हैं। संबंधित पार्षद दो से तीन बार शिकायतें कर चुके हैं। जिसकी जांच या फिर दीवार की मरम्मत के आदेश दिए जा चुके हैं, लेकिन निगम के अफसरों / अधिशासी अभियंताओं की लापरवाही के चलते अभी तक दीवार नहीं बनी है। हाल यह है कि हर मुहाने पर मौत के नाले खुले हुए हैं। जरा सी गलती और समझो जान खतरे में पड़ गई। नगर निगम के सौ वार्डों में 331 नाले हैं। इसमें 21 बड़े और 15 भूमिगत नाला हैं। शहरभर में 45 फीसद नाले ऐसे हैं जिसकी 50 से 300 मीटर तक दीवार टूटी पड़ी है। कई पार्षद तो यह मुद्दा नगर निगम के सदन में भी उठा चुके हैं। अपर नगरायुक्त ने की निर्माणाधीन नाला की जांच : अपर नगरायुक्त केबी सिंह ने बुधवार दोपहर फतेहाबाद रोड स्थित निर्माणाधीन नाला की जांच की। टीम ने नाला की गहराई को चेक किया और आसपास के आधा दर्जन लोगों से बातचीत की। अपर नगरायुक्त ने बताया कि गुरुवार को जांच रिपोर्ट नगरायुक्त को सौंपी जाएगी। जांच में नाला खुला पाया गया। चूंकि नाला का निर्माण चल रहा था, ऐसे में उसे फिलहाल बंद नहीं किया जा सकता था। नाले के एक हिस्से को छह माह पूर्व बंद करने का प्रयास किया गया था। क्षेत्रीय लोगों के विरोध के बाद उसे खोल दिया गया। वहीं निगम प्रशासन ठेकेदार संदीप यादव को नोटिस देने की तैयारी में है।

दो साल में एक करोड़ रुपये हुए खर्च : दो साल में नालों की दीवार और उनकी मरम्मत में एक करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इसका प्रस्ताव नगर निगम के सदन में लगाया गया था।

आज मिलेंगे चार लाख, टीम ने की जांच : तहसील सदर की टीम ने बुधवार को गोबर चौकी निवासी वकील के घर और बैंक खाता की जांच की। दस्तावेज मिलने में देरी होने के चलते वकील को चार लाख रुपये नहीं मिल सके। तहसीलदार सदर रजनीश ने बताया कि गुरुवार को दैवीय आपदा निधि में चार लाख रुपये खाते में ट्रांसफर किए जाएंगे।

नालों की दीवार टूटने की शिकायतें मिलती हैं। इसकी जांच के आदेश दिए जाते हैं। वहीं फतेहाबाद रोड में बालिका के डूबने की जांच अपर नगरायुक्त केबी सिंह को सौंपी गई है।

निखिल टीकाराम, नगरायुक्त---- खतैना नाला के अधिकांश हिस्से की दीवार टूटी पड़ी है। कई बार शिकायतों के बाद भी दीवार का निर्माण नहीं किया जा रहा है।

आनंद कुमार, खतैना - नाला बंद न होने के चलते बालिका की जान गई है। परिवार को आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए। साथ ही जो भी नाले खुले हैं, जरूरत के हिसाब से उसे बंद कराया जाना चाहिए।

विनोद कुमार, फतेहाबाद रोड आजमपाड़ा नाला की दीवार लंबे समय से टूटी पड़ी है। नगर निगम के अफसरों द्वारा दीवार का निर्माण नहीं किया जा रहा है।

मनीष सिंह, आजमपाड़ा

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