पर्यटकों के लिए खोला जाए ताज व्यू प्वाइंट

मेहताब बाग के बाहर यमुना की तलहटी में है व्यू प्वाइंट पिछले वर्ष कोरोना काल में स्मारकों से पहले खुला था

By JagranEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 07:23 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 07:23 PM (IST)
पर्यटकों के लिए खोला जाए ताज व्यू प्वाइंट
पर्यटकों के लिए खोला जाए ताज व्यू प्वाइंट

आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में पर्यटन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। प्रदेश में 16 जून से पर्यटन स्थलों को खोलने को लेकर शुरू हुई सुगबुगाहट के बीच पर्यटन कारोबारियों ने मेहताब बाग के पास स्थित ताज व्यू प्वाइंट और ग्यारह सीढ़ी पार्क को खोलने की मांग की है। इससे पर्यटक व स्थानीय निवासी ताजमहल का दीदार कर सकेंगे।

कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने सभी संरक्षित स्मारकों को 16 अप्रैल को बंद कर दिया था। इस बंदी को दो माह पूरे होने जा रहे हैं। स्मारकों को खोलने या बंद रखने पर निर्णय एएसआइ का दिल्ली मुख्यालय करेगा। इस बीच प्रदेश स्तर पर पर्यटन स्थलों को 16 जून से खोले जाने की चर्चा है। आगरा में अकबर की शिकारगाह को छोड़कर राज्य सरकार द्वारा संरक्षित कोई स्मारक नहीं है। अकबर की शिकारगाह भी पर्यटन स्थलों में शामिल नहीं है। ऐसे में आगरा में मेहताब बाग के बाहर यमुना नदी की तलहटी में एडीए द्वारा विकसित ताज व्यू प्वाइंट और ग्यारह सीढ़ी पार्क को खोलने की मांग पर्यटन संस्थाओं द्वारा की जा रही है। ताज व्यू प्वाइंट से ताजमहल का व्यू काफी अच्छा है। स्मारक नहीं खुलने तक पर्यटक यहां से ताजमहल का दीदार कर सकेंगे। योग व अन्य कार्यक्रमों के लिए ग्यारह सीढ़ी पार्क को खोला जा सकता है। पिछले वर्ष कोरोना काल में सितंबर में स्मारक खुलने से पूर्व ही अगस्त में ताज व्यू प्वाइंट पर्यटकों के लिए खोल दिया गया था।

टूरिज्म गिल्ड आफ आगरा के उपाध्यक्ष राजीव सक्सेना ने कहा कि ताज व्यू प्वाइंट ताजमहल देखने के लिए अच्छी लोकेशन है। कोरोना वायरस का संक्रमण कम होने पर इसे अब प्रोटोकाल का पालन करते हुए पर्यटकों के लिए खोल देना चाहिए। इससे एडीए को राजस्व की प्राप्ति भी होगी। पर्यटन संस्थाएं कर रही हैं स्मारक खोलने की मांग

टूरिस्ट गाइड वेलफेयर एसोसिएशन, आगरा टूरिस्ट वेलफेयर चैंबर ने 16 जून से स्मारकों को खोलने की मांग की है। टूरिस्ट गाइड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक दान का कहना है कि 15 माह से पर्यटन ट्रेड से जुड़े लोग खाली बैठे हैं। 21 सितंबर से 15 अप्रैल तक जब स्मारक खुले भी थे तब पर्यटक बहुत कम आने से अधिकांश लोगों को काम नहीं मिला। स्मारक खुलेंगे तो इससे दुनिया में सकारात्मक संदेश जाएगा।

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