Taj Mahal Damage Due To Rain: नुकसान का जायजा लेने पहुंचींं ASI की महानिदेशक

Taj Mahal Damage Due To Rain शुक्रवार को आए 60 मिनट के तूफान में ताजमहल के कई हिस्‍सों को पहुंची है भारी क्षति। महानिदेशक वी विद्यावथी ने लिया नुकसान का जायजा।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Sat, 30 May 2020 05:32 PM (IST) Updated:Sun, 31 May 2020 09:43 AM (IST)
Taj Mahal Damage Due To Rain: नुकसान का जायजा लेने पहुंचींं ASI की महानिदेशक
Taj Mahal Damage Due To Rain: नुकसान का जायजा लेने पहुंचींं ASI की महानिदेशक

आगरा, जागरण संवाददाता। प्रकृति के कहर से मोहब्‍बत की मीनार को हुए नुकसान के आंकलन को एएसआइ की महानिदेशक वी विद्यावथी पहुंंचीं। शुक्रवार को 60 मिनट के तूफान में शहर के साथ एतिहासिक इमारत ताजमहल को भी भारी क्षति पहुंची थी। इस नुकसान के जायजेे को लेने के लिए ही शनिवार दोपहर महानिदेशक ने ताज परिसर का निरीक्षण किया।

शुक्रवार शाम आई आंधी ने दुनिया के सात अजूबों में शुमार ताजमहल को क्षति पहुंचाई थी। शनिवार सुबह तूफान से घायल हुए ताज की तस्‍वीर साफ हुई। जिसमें ताजमहल में पाड़ गिरने से मुख्य मकबरे की सफेद संगमरमर की आठ और चमेली फर्श पर रेड सैंड स्टोन की तीन जालियां टूटी हैं। पश्चिमी गेट पर दरवाजे की चूल फंसाने वाला पत्थर का खांचा टूटा है। पूर्वी व पश्चिमी गेट पर पर्यटकों की सुविधा को बने शेड की फॉल सीलिंग उखड़ गई है। पेड़ों की कई डाल टूट गयी हैं और छोटे पेड़ जड़ से उखड़ गए हैं।

शुक्रवार शाम तूफान ने तबाही मचा दी। करीब 50 मिनट तक आंधी, ओले और बारिश ने जमकर कहर बरपाया। 124 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चली हवा ने तमाम पेड़ों को जड़ से उखाड़ दिया। बिजली के खंभे और साइनेज धराशाई हो गए। बिजली आपूर्ति ठप होने से देर रात तक अधिकांश क्षेत्र अंधेरे में डूबे रहे। ताजमहल में यमुना की ओर पाड़ गिरने से मुख्य मकबरे व चमेली फर्श की रेलिंग क्षतिग्रस्त हो गई है। शुक्रवार की रात में अंधेरे की वजह से विभागीय अफसर स्मारक को पहुंचे नुकसान का जायजा नहीं ले सके थे, लेकिन सुबह उच्चाधिकारियों ने पहुंचकर नुकसान का जायजा लेकर महानिदेशक को सूचित किया था। वहीं यह पहला मौका नहीं है जब ताजमहल पर प्रकृति का कहर बरपा हो। दो पूर्व भी 22 दिन के अंतराल पर आगरा में भंयकर तूफान आया था। उस वक्‍त भी ताज महल के कई हिस्‍से क्षतिग्रसत हुए थे। उस तूफान में फतेहपुर सीकरी में भी नुकसान हुआ था। बता दें कि लॉकडाउन के कारण पर्यटकों के लिए सभी एतिहासिक स्‍मारक बंद चल रहेे हैंं।

लॉकडाउन से पहले बांधी गई थी पाड़

एएसआइ की रसायन शाखा ने पाड़ को मार्च में बांधा था। 17 मार्च से ताज समेत देशभर के स्मारक एएसआइ द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए एहतियातन बंद कर दिए गए थे। एएसआइ की रसायन शाखा ने स्मारक की पर्यटकों के लिए की गई बंदी को ताजमहल के गुंबद पर मडपैक को उचित माना था। उसने 19 मार्च से ताज में मुख्य मकबरे पर यमुना किनारा की तरफ पाड़ बांधना शुरू कराया था। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू और 23 मार्च से आगरा में लॉक डाउन से पाड़ बांधने का काम रुक गया था।

यहां भी मची तबाही

ताज के पश्चिमी गेट पर भी आंधी ने तबाही मचाई है। यहां पश्चिमी गेट पर लगा विशाल दरवाजा ऊपरी खांचे का पत्थर टूटने से झूल गया। सीआइएसएफ के जवानों द्वारा उसे खड़ा किया गया। पश्चिमी गेट के बाहर सती उन्निसा के मकबरे के बाहर पर्यटकों की सुरक्षा जांच को लगाए गए डीएफएमडी अस्त-व्यस्त हाे गए। शेड की फॉल सीलिंग गिर पड़ी है।

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