Test of Agra: जब ताज का हाेगा दीदार तब ही लौटेगी पेठा कारोबार की मिठास
Test of Agra ताजमहल व अन्य स्मारकों पर आने वाले पर्यटकों से ही 70 फीसद पेठे की खपत होती है। अब अनलाक में बाजार तो खुल गया है लेकिन पेठे की डिमांड नहीं है। 50 दिनों से अधिक समय से बंद हैं आगरा के स्मारक।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना की दूसरी लहर के बाद बाजार तो अनलाक हो गया है, लेकिन ताजनगरी का पेठा उद्योग अभी भी लाक है। बाजार में हलचलत है, लेकिन पेठा बाजार में खामोशी है। पेठा कारोबारियों का कहना है कि ये खामोशी ताज के दीदार के साथ ही टूटेगी। ऐसे में सबको ताजमहल सहित अन्य स्मारकों के खुलने का इंतजार है।
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से हर कारोबार प्रभावित हुआ। ऐसे में ताजनगरी का पेठा कारोबार भी इसकी जद में आ गया। संक्रमण के चलते 16 अप्रैल से ताजमहल व अन्य स्मारक बंद हुए। 50 दिन से ज्यादा समय से स्मारक बंद हें। इससे पर्यटकों की आवाजाही बंद हो गई। स्मारक बंद होने से पेठा कारोबार को तगड़ा झटका लगा, क्योंकि ताजमहल व अन्य स्मारकों पर आने वाले पर्यटकों से ही 70 फीसद पेठे की खपत होती है। अब अनलाक में बाजार तो खुल गया है, लेकिन पेठे की डिमांड नहीं है। आलम यह है कि पेठा बनाने वाली इकाइयों के पास आर्डर नहीं हैं। ऐसे में उन्होंने काम बंद कर दिया है। नूरी दरवाजा स्थित थोक पेठा कारोबारी सोनू मित्तल का कहना है कि पिछले साल भी इन दिनों में कोरोना के चलते काम चौपट हो गया था। जैसे तैसे ताजमहल खुलने के बाद दिसंबर के अंत तक गाड़ी पटरी पर लौटना शुरू हुई थी। 2021 में उम्मीद थी कि सब ठीक हो जाएगा, लेकिन फिर कोरोना की दूसरी लहर ने पूरा कारोबार प्रभावित कर दिया। ताजमहल खुलेगा तब ही पेठा कारोबार की रौनक लौटेगी। पेठा कारोबारी राजेश अग्रवाल का कहना है कि कोरोना के चलते व्यापार पूरा प्रभावित हो गया है। बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है। स्मारक बंद होने से 70 फीसद तक व्यापार प्रभावित हुआ है। अनलाक में बाजार खुलने से पेठे की दुकानें तो खुली हैं, लेकिन बहुत ज्यादा मांग नहीं है। दूसरे राज्यों से भी आर्डर नहीं मिल रहे हैं।