आगरा के इस स्मारक में है स्वीट टैंक, एएसआइ शुरू करने जा रहा है संरक्षण

मुगल साम्राज्य की डेढ़ दशक तक राजधानी रही है फतेहपुर सीकरी। दीवान-ए-खास के पीछे स्थित है स्वीट टैंक। सफाई के साथ होगा संरक्षण। दो से तीन माह का समय और 12 लाख रुपये की आएगी लागत। एएसआइ का आगरा सर्किल करेगा संरक्षण।

By Nirlosh KumarEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 03:54 PM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 03:54 PM (IST)
आगरा के इस स्मारक में है स्वीट टैंक, एएसआइ शुरू करने जा रहा है संरक्षण
फतेहपुर सीकरी स्थित स्वीट टैंक, जिसका संरक्षण एएसआइ द्वारा किया जाएगा।

आगरा, जागरण संवाददाता। फतेहपुर सीकरी, मुगल शहंशाह अकबर द्वारा 16वीं शताब्दी में बसाया गया एक नगर। 15 वर्ष तक यह अकबर की राजधानी रहा। अकबर द्वारा फतेहपुर सीकरी से राजधानी लाहौर स्थानांतरित करने के फैसले पर इतिहासकारों की राय भिन्न है। कोई फतेहपुर सीकरी में पानी की कमी को मुख्य वजह बताता है तो कोई उसकी सामरिक रणनीति। बहरहाल, हम बात कर रहे हैं स्वीट टैंक की। अकबर की राजधानी रही फतेहपुर सीकरी में स्वीट टैंक भी है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) का आगरा सर्किल अब इसका संरक्षण शुरू करने जा रहा है।

फतेहपुर सीकरी में दीवान-ए-खास के पीछे स्वीट टैंक बना हुआ है। वर्गाकार टैंक की प्रत्येक दिशा में लंबाई 18 मीटर है और इसकी गहराई 10 फुट के करीब है। एएसआइ द्वारा वर्षों से यहां संरक्षण कार्य नहीं कराया गया है। समय की मार के चलते रेड सैंड स्टाेन से बने टैंक की सीढ़ियों के पत्थर और इसके नजदीक बने भवन के तोड़े, पानदासा (बार्डर), पिलर आदि के पत्थर खराब हो चुके हैं। एएसआइ द्वारा अब यहां संरक्षण कार्य शुरू कराया जाएगा। टैंक की सीढ़ियों, तोड़े, पानदासा, पिलर आदि के खराब पत्थरों को बदला जाएगा। इस काम पर करीब 12 लाख रुपये व्यय होंगे और दो से तीन माह का समय संरक्षण कार्य में लगेगा। टैंक में भरे पानी को निकालकर उसकी सफाई कराई जाएगी। एएसआइ अनूप तालाब को भी खाली कर उसकी सफाई व संरक्षण कार्य करा चुका है।

नामकरण पर है सवाल

फतेहपुर सीकरी स्थित स्मारकों के एएसआइ द्वारा किए गए नामकरण पर समय-समय पर सवाल भी उठते रहे हैं। इतिहासविद् राजकिशोर राजे ने एएसआइ के अागरा सर्किल से फतेहपुर सीकरी के स्मारकों के नामकरण के बारे में प्रमाणिक तथ्यों की जानकारी मांगी थी। राजे बताते हैं कि एएसआइ ने इसका जवाब तो दिया नहीं, वरन् उनसे ही स्मारकों के नामकरण के बारे में बताने को कह दिया।

प्रचलित हैं किस्से

फतेहपुर सीकरी आने वाले पर्यटकों को गाइड स्वीट टैंक के नामकरण से जुड़े किस्से सुनाते हैं। किस्सा है कि इस टैंक का पानी मीठा था, जिससे लोग इसे मीठे पानी का टैंक कहा करते थे। ब्रिटिशर्स ने इसका नामकरण स्वीट टैंक कर दिया। तब से इस टैंक का यही नाम प्रचलन में है।

chat bot
आपका साथी