Surya Grahan 2021 Timing in Agra: सूर्य ग्रहण आज, 148 साल बाद बन रहा ऐसा योग, आगरा में छाए बादल

भारतीय पंचांग के अनुसार सूर्य ग्रहण का दोपहर एक बजकर 42 मिनट पर शुरू होगा। कंकण ग्रहण तीन बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा। ग्रहण का मध्यकाल चार बजकर 12 मिनट होगा और शाम को पांच बजकर तीन मिनट पर यह खत्म होगा।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 01:38 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 01:38 PM (IST)
Surya Grahan 2021 Timing in Agra: सूर्य ग्रहण आज, 148 साल बाद बन रहा ऐसा योग, आगरा में छाए बादल
आज सूर्यग्रहण है लेकिन आगरा में बादल छाए रहने की वजह से ये नजारा शायद न दिखे।

आगरा, जागरण संवाददाता। ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष अमावस्या यानी 10 जून को शनि जयंती पर सूर्यग्रहण पड़ रहा है, सूर्य ग्रहण यह योग 148 साल बाद देखने को मिल रहा है। इससे पहले 26 मई 1873 को यह संयोग बना था। आगरा में लोग इस खगोलीय नजारे को देखने को बेताब हैं, हालांकि दोपहर में आसमान में बादल छा गए हैं, इस वजह से मायूसी भी हो सकती थी। यदि आसमान साफ हुआ, तभी ग्रहण को देखा जा सकेगा।

पंडित चंद्रेशकौशिक ने बताया कि आज ग्रहण के दौरान चंद्रमा, सूर्य के करीब 97 फीसद हिस्से को ढंक लेगा। सूर्य ग्रहण को पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्से और जम्मू कश्मीर के कुछ भाग में आंशिक रूप से देखा जा सकता है। इसलिए ग्रहण का सूतक काल उक्त क्षेत्र के अतिरिक्त अन्य स्थानों पर ग्राह्य नहीं होगा। भारतीय पंचांग के अनुसार सूर्य ग्रहण का दोपहर एक बजकर 42 मिनट पर शुरू होगा। कंकण ग्रहण तीन बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा। ग्रहण का मध्यकाल चार बजकर 12 मिनट होगा और शाम को पांच बजकर तीन मिनट पर यह खत्म होगा। ग्रहण का पूर्ण समापन शाम छह बजकर 41 मिनट पर होगा। ग्रहण का प्रभाव अवधि कुल पांच घंटे की होगी।

यहां रहेगा प्रभाव

सूर्य ग्रहण का सर्वाधिक प्रभाव एशिया, यूरोप, मंगोलिया, उत्तर-पूर्व अमेरिका, अटलांटिक महासागर के उत्तरी हिस्से में आशिंक और उत्तरी कनाडा, रूस, ग्रीनलैंड में पूर्ण रूप से दिखाई देगा। इसलिए वहां ग्रहणकाल का सूतक मान्य होगा। जबकि भारत में इसका प्रभाव बेहद आंशिक होगा।

मंदिरों में कपाट बंद

सूर्यग्रहण को देखते हुए सूतक लगने के साथ ही आगरा में मंदिरों के कपाट दोपहर 12 बजे से बंद होना शुरू हो गए। तुलसी के पौधों को भी लाल रंग के वस्‍त्र से ढंक दिया गया है। ग्रहण खत्‍म होने के बाद मंदिरों के कपाट शाम छह बजे के बाद खोले जाएंगे और उसके बाद मंदिर परिसर की धुलाई होगी। इसके बाद ही श्रद्धालुओं के लिए दर्शन को पट खोले जाएंगे। 

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