आंबेडकर विवि आगरा में घंटों चला छात्रों का हंगामा, नतीजा रहा सिफर

परीक्षा फार्म भरने की तिथि विस्तारित करने की मांग के साथ एबीवीपी एनएसयूआइ और समाजवादी छात्र सभा ने घेरे कुलसचिव। अधिकारियों के साथ हुई धक्का-मुक्की कार्यकर्ता जमीन पर लेटे किया घेराव। कुलपति ने लखनऊ से दिया फोन पर ही दिया आश्वासन नहीं दिया लिखित जवाब।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 09:15 PM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 09:15 PM (IST)
आंबेडकर विवि आगरा में घंटों चला छात्रों का हंगामा, नतीजा रहा सिफर
आंबेडकर विवि से गुरुवार को प्रदर्शनकारी छात्रों को ले जाती पुलिस।

आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में गुरुवार का दिन छात्र संगठनों के नाम रहा। लंबे समय बाद एक ही मांग के लिए तीन छात्र संगठन एकजुट हुए और जमकर प्रदर्शन किया। सुबह से शाम तक छात्र संगठन के कार्यकर्ता विश्वविद्याल परिसर में ही धरना देते रहे। इस दौरान गेट पर चढ़े, नारेबाजी की, तपती जमीन पर लेट गए, पुलिस और कुलसचिव समेत अन्य अधिकारियों के साथ धक्का-मुक्की भी की। मांग एक ही थी कि परीक्षा फार्म भरने की तिथि बढ़ाई जाए, पर नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा। कुलपति ने लखनऊ से ही फोन पर आश्वासन दिया कि वे छात्रों का अहित नहीं होने देंगे, पर परीक्षा देने देंगे या नहीं इस बात का खुलासा नहीं किया।

परीक्षा फार्म भरने की तिथि बढ़ाने की मांग को लेकर गुरुवार सुबह एबीवीपी कार्यकर्ता विश्वविद्यालय के गेट धरने पर बैठ गए। इसी बीच समाजवादी छात्र सभा और एनएसयूआइ के कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंच गए। विश्वविद्यालय के मुख्य गेट पर ही तीनों छात्र संगठनों ने धरना शुरू किया।सुरक्षाकर्मियों ने गेट को बंद कर दिया। यह देख कार्यकर्ता गेट पर चढ़ गए। कार्यकर्ताओं ने जबरदस्ती गेट खोलकर अंदर प्रवेश किया। उसके बाद तीनों छात्र संगठन परीक्षा नियंत्रक व कुलसचिव कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। तीनों संगठनों ने नारेबाजी शुरू कर दी। कुलसचिव संजीव कुमार व चीफ प्रोक्टर प्रो. मनोज श्रीवास्तव कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने पहुंचे और समस्या पूछी। तीनों संगठनों ने एक ही मांग रखी की जो छात्र परीक्षा फार्म भरने से वंचित रह गए हैं, उन्हें एक मौका और दिया जाए। कुलसचिव ने समस्या सुनने के बाद कुलपति प्रो. आलोक राय से फोन पर बात की। प्रो. आलोक राय ने निर्देश दिए कि उनकी तरफ से आश्वासन दिया जाए कि वे छात्रों का अहित नहीं होने देंगे। जो छात्र अर्ह हैं, वे अपने कालेजों में संपर्क करें और वहां से जानकारी भिजवाएं। छात्रों का भविष्य खराब नहीं होने दिया जाएगा। इस आश्वासन के बाद भी कार्यकर्ता नहीं माने। उनकी मांग थी कि या तो विश्वविद्यालय लिखित में दे कि छात्रों की विशेष परीक्षा कराई जाएगी या परीक्षा फार्म भरने के लिए लिंक खोला जाएगा।

कुलसचिव के साथ धक्का-मुक्की

कुलसचिव संजीव कुमार ने आश्वासन देने के बाद जब विश्वविद्यालय से बाहर जाने की कोशिश की तो संगठनों के कार्यकर्ताओं ने उनका रास्ता रोका। इसी दौरान कुलसचिव, चीफ प्रोक्टर और पुलिस कर्मियों के साथ कार्यकर्ताओं की धक्का-मुक्की भी हुई। कार्यकर्ताओं ने दोनों अधिकारियों को घेरे में ले लिया। पुलिसकर्मियों के घेरे में किसी तरह कुलसचिव और चीफ प्रोक्टर को विश्वविद्यालय परिसर के अंदर सहायक कुलसचिव के कार्यालय में बैठाया गया। दरवाजे बंद कर दिए गए। लगभग दो घंटे तक कुलसचिव कमरे में ही बंद रहे। संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कार्यालय के बाहर भी धरना शुरू कर दिया। ग्रिल पर भी चढ़ गए।

करना चाहें तो दे सकते हैं मौका

विश्वविद्यालय के कुछ पुराने शिक्षक इस प्रदर्शन को देख रहे थे। कर्मचारी भी मौजूद थे। इस दौरान कुछ शिक्षकों ने दबी जुबां में बोला कि कुलपति और परीक्षा नियंत्रक चाहें तो यह प्रदर्शन कुछ मिनटों में खत्म हो सकता है। यह इतनी बड़ी मांग नहीं है, जितना बड़ा उसे बनाया जा रहा है।

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