Agriculture Bill: कृषि विधेयक का आगरा मंडल में जोरदार विरोध, कहीं हुए धरने से तो कहीं निकाले गए जुलूस

कृषि विधेयकों के खिलाफ सड़क पर उतरी कांग्रेस। कलक्ट्रेट जाते कांग्रेसियों को धाकरान पर पुलिस ने रोका। राष्ट्रपति से नया कृषि संशोधन विधेयक पारित कराने की मांग। सपा ने भी किया प्रदर्शन। ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों ने भरी हुंकार।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 08:45 PM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 08:45 PM (IST)
Agriculture Bill: कृषि विधेयक का आगरा मंडल में जोरदार विरोध, कहीं हुए धरने से तो कहीं निकाले गए जुलूस
कृषि विधेयक के विरोध में आगरा में जुलूस निकालते कांग्रेसी। फोटो- जागरण

आगरा, जेएनएन। कृषि विधेयकों के खिलाफ शुक्रवार को आगरा मंडल में जोरदार प्रदर्शन किया गया। शहरी क्षेत्रों में जहां विपक्षी राजनीतिक दलों ने धरना-प्रदर्शन और जुलूस निकाले। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों ने हुंकार भरी। आगरा, मथुरा, फीरोजाबाद, मैनपुरी, एटा और कासगंज में किसानों ने राष्‍ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपे हैं, इसमें विधेयक में संशोधन किए जाने की मांग की गई है। गनीमत यह रही कि पूरे आगरा मंडल में कहीं कोई उग्र या हिंसक प्रदर्शन नहीं हुआ।

आगरा शहर कांग्रेस कमेटी ने केंद्र सरकार द्वारा संसद में पारित कराए गए कृषि विधेयकों के खिलाफ शुक्रवार को प्रदर्शन किया। शहर अध्यक्ष देवेंद्र कुमार चिल्लू के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने सुबह 11:30 बजे सुभाष पार्क से कलक्ट्रेट के लिए मार्च किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें धाकरान चौराहे से आगे नहीं बढ़ने दिया। यहां प्रदर्शन के बाद कांग्रेसियों ने राष्ट्रपति को नामित ज्ञापन एसीएम वीरेंद्र मित्तल को सौंपा। शहर अध्यक्ष देवेंद्र कुमार चिल्लू ने कहा कि भाजपा सरकार ने कृषि विधेयक पारित करके किसानों की आत्मा को अपने उद्याेगपति मित्रों के सामने बेचने का निंदनीय कृत्य किया है। इससे देश में आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी और जमाखोरी बढ़ेगी। किसान व जनता को इससे कोई लाभ नहीं होगा। केंद्र सरकार बताए कि उसने आम जनता की रोजमर्रा की वस्तुओं पर से आवश्यक वस्तु अधिनियम क्यों समाप्त किया?  कांग्रेस सड़क से सदन तक इन काले कानूनों के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगी। प्रदर्शन में अशोक शर्मा, नंदलाल भारती, डॉ. मधुरिमा शर्मा, विराग जैन, कपिल गौतम, विनोद जरारी, अजहर वारसी, आइडी श्रीवास्तव, शिल्पा दीक्षित, माया माहौर, मुन्नालाल वर्मा, हबीब कुरैशी, अश्वनी कुमार बिट्टू, अदनान कुरैशी आदि शामिल रहे।

उधर, युवा कांग्रेसियों ने गांव बाद और ककुआ में किसानों के भारत बंद को समर्थन दिया। व्यापारियों ने प्रतिष्ठान बंद रखे। युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष हेमंत चाहर, दीपक शर्मा, सीएम पाराशर, अतुल यादव, जगदीश लवानिया, मनोज सिंह आदि मौजूद रहे।

सपा ने सौंपा ज्ञापन

समाजवादी पार्टी ने भी कृषि विधेयक का विरोध किया। शुक्रवार को कलक्ट्रेट में सिटी मजिस्ट्रेट अरुण कुमार को राज्यपाल के नाम ज्ञापन देकर इस विधेयक को वापस लेने की मांग की। राष्ट्रीय महासचिव रामजी लाल सुमन के नेतृत्व में पूर्वाह्न लगभग 11 बजे सपाई कलक्ट्रेट में एकत्रित हुए। राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि कृषि विधेयक के रूप में भाजपा सरकार किसानों पर काला कानून थोप रही है। यह विधेयक किसान विरोधी है। इसके जरिये देश के अन्नदाता को कमजोर करने का काम किया जा रहा है। महानगर अध्यक्ष चौधरी वाजिद निसार ने कहा कि इस काले कानून को सरकार ने यदि जल्द वापस नहीं लिया तो सपा कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर आंदोलन को बाध्य होंगे। जिलाध्यक्ष रामगोपाल बघेल ने कहा कि बड़े व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के लिए इस विधेयक को लाया गया है। इस दौरान महानगर महासचिव पवन दौनेरिया, कोषाध्यक्ष सौरभ गुप्ता, पुष्पेंद्र शर्मा, किशन यादव, राम नरेश यादव, तेजपाल यादव आदि मौजूद थे।

मथुरा में एक्‍सप्रेस वे कट पर चक्‍का जाम

किसानों के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश का विरोध थम नहीं रहा है। मथुरा में शुक्रवार को फिर अध्यादेश के विरोध में आवाज बुलंद हुई। भाकियू ने बाजना कट एक्सप्रेस के पास चक्का जाम किया, तो अफसरों के पसीने छूट गए। किसी तरह समझा बुझाकर जाम खुलवाया गया। किसानों के साथ विपक्षी दल भी खड़े हो गए। सपा, कांग्रेस ने भी प्रदर्शन कर आवाज बुलंद की। कम्युनिस्ट पार्टी ने धरना दिया। वहीं फीरोजाबाद, मैनपुरी, एटा और कासगंज में जिला मुख्‍यालयों पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा गया।  

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