आंबेडकर विश्वविद्यालय में अध्यक्ष करेंगे हड़ताल, महामंत्री करेंगे काम
विवि में 18वें दिन भी नहीं हुआ काम, शोक अवकाश किया, कर्मचारी संघ महामंत्री ने की काम करने की अपील
आगरा (जागरण संवाददाता): आंबेडकर विवि में दीपावली की छुट्टी के बाद सोमवार को विवि तो खुला लेकिन विभागों में ताले लटके रहे। कर्मचारी संघ अध्यक्ष ने आगे भी हड़ताल जारी रखने की बात कही। वहीं एसोसिएशन के महामंत्री ने काम करने की बात कही है। हालांकि शोकसभा होने के कारण सोमवार को 18वें दिन भी काम नहीं हुआ।
आंबेडकर विवि में सोमवार सुबह कर्मचारी धरनास्थल पर एकत्रित हुए। दो दिन पहले एक विविकर्मी के निधन के चलते धरना स्थगित कर दिया गया। विवि की ओर से शोक सभा की गई। इसके बाद विवि में शोकावकाश कर दिया गया। हड़तालरत विवि कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अखिलेश चौधरी ने मंगलवार को फिर से कार्य से विरत रहने की बात कही है। उनका कहना था जब तक हमलावर नहीं पकड़े जाते, कर्मचारियों की सुरक्षा की व्यवस्था और संघ का कार्यालय नहीं खोला जाएगा हड़ताल जारी रहेगी। वहीं, दूसरी तरफ कर्मचारी संघ के महामंत्री अनिल श्रीवास्तव ने सभी कर्मचारियों से छात्र हित को देखते हुए मंगलवार को काम पर लौटने की अपील की है। ऐसे में अब विवि में कर्मचारी भी दो फाड़ हो गए है।
कुलपति और अध्यक्ष में नहीं हुई बात
शोक सभा में कुलपति डॉ. अरविंद दीक्षित और अध्यक्ष अखिलेश चौधरी दोनों मौजूद रहे। मगर, दोनों के बीच वार्ता नहीं हुई। कर्मचारियों को उम्मीद थी कि कुलपति स्तर से हड़ताल खत्म कराने की पहल की जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
हड़ताल में विवि पर बढ़ा हजारों छात्रों का बोझ
आगरा: आंबेडकर विवि में पहले से हजारों छात्रों की समस्याएं लंबित हैं। पिछले 18 दिन की हड़ताल में इसमें 20 हजार छात्र-छात्राओं का बोझ और बढ़ गया है। यह संख्या अभी और बढ़नी है।
विवि में मार्क्सशीट और डिग्री की समस्या काफी पुरानी है। हर दिन यहां सैकड़ों छात्र-छात्राएं आते हैं। मगर, हड़ताल के चलते पिछले 18 दिन से विवि में कामकाज ठप है। रिकॉर्ड के अनुसार औसतन हर दिन करीब एक हजार छात्र विवि में आते हैं। ऐसे में हड़ताल के चलते करीब 18 हजार छात्रों का काम लटक गया है। जब तक हड़ताल चलेगी, यह संख्या बढ़ती जाएगी। ऐसे में जब विवि में हड़ताल समाप्त होगी तो छात्रों की समस्याओं का अंबार लग जाएगा।
फूट-फूट कर रोई छात्रा
सोमवार को विवि में डिग्री के लिए एक छात्रा आई। मगर, विभाग में ताला लटका होने के कारण काम नहीं हो सका। परेशान छात्रा रोने लगी। बताया कि वह तीन बार आ चुकी है। डिग्री न मिलने के कारण उसकी नौकरी जाने की नौबत आ गई है।