UP STF ने इनामी समेत साइबर गैंग के तीन सदस्य दबोचे, हजारों लोगों के क्रेडिट कार्ड का डाटा बरामद

आगरा लखनऊ और आंध्र प्रदेश में दर्ज हैं साइबर गैंग के खिलाफ मुकदमे। गैंग ने अब तक 450 लोगों के साथ की करीब एक करोड़ रुपये की धोखाधड़ी। गैंग के दो सदस्‍यों को दिल्‍ली से किया गया है गिरफ्तार। बैंक से ही चोरी किया था ग्राहकों का क्रेडिट कार्ड डाटा।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 05:59 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 05:59 PM (IST)
UP STF ने इनामी समेत साइबर गैंग के तीन सदस्य दबोचे, हजारों लोगों के क्रेडिट कार्ड का डाटा बरामद
क्रेडिट कार्ड के जरिए हजारों लोगों को चूना लगाने वाले गिरोह के सदस्‍य। एसटीएफ द्वारा उपलब्‍ध कराया गया फोटो।

आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा, लखनऊ और आंध्र प्रदेंश समेत कई राज्यों में 450 लोगों के साथ करीब एक करोड़ाें रुपये की धोखाधड़ी करने वाले साइबर गैंग के इनामी समेत तीन आरोपिताें को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। गैग से एसटीएफ ने 7182 लोगों का डाटा बरामद किया है।

एसटीएएफ ने इस साल 26 जनवरी को साइबर गैंग का पर्दाफाश किया था। जो फर्जी कंपनी बनाकर लोगों के खातों से करोड़़ों रुपये की धोखाधड़ी करके निकाल चुका था। गिरोह के सरगना सौरभ भारद्वाज समेत चार आरोपितों को जेल भेजा गया था। उनसे मिली जानकारी के बाद 26 फरवरी को एसटीएफ ने गिरोह को लोगों के क्रेडिट कार्ड का डाटा बेचने वाले इनामी शिल्पी समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया था। इसी गिरोह को क्रेडिट कार्ड का डाटा बेचने वाले नदीम अहमद निवासी गली नंबर तीन संगम विहार, वजीराबाद दिल्ली का नाम सामने आया था। आरोपित नदीम पर 20 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था।

एसटीएफ नोएडा ने बुधवार को इनामी नदीम के अलावा दो अन्य आरोपितों सिद्धार्थ देवनाथ निवासी गोविंदपुरी कालका जी दिल्ली और पुनीत लाखा निवासी ओल्ड स्लैम क्वार्टर पश्चिमीपुरी, पंजाबी बाग दिल्ली को गिरफ्तार किया। पुलिस ने नदीम को संगम विहार और बाकी दोनों आरोपितों को सूरजपुर थाना क्षेत्र से दबोचा। एसटीएफ की पूछताछ में आरोपित नदीम ने बताया कि इंटर पास है। वह पूर्व में मोनिका के साथ एक कंपनी में काम कर चुका है। वहां पर उसकी मुलाकात आस मोहम्मद से हुई थी। बाद में नौकरी छोड़कर वह एसबीआइ में टीम लीडर बन गया। यहां पर उसकी मुलाकात सुलेमान से हुई थी।

सुलेमान ग्राहकों के क्रेडिट कार्ड का डाटा निकालकर नदीम और मोनिका को बेचता था। कुछ समय बाद नदीम ने नौकरी छोडकर अपना काम करने लगा। इसी दौरान उसे एक बैंक के क्रेडिट कार्ड ग्राहकों का डाटा एकत्रित करने का काम मिला। इस काम के दौरान ही पुनीत लाखा और सिद्धार्थ उसके संपर्क में आए। वह दोनों ग्राहकों के क्रेडिट कार्ड डाटा उसे देने लगे। वह यह डाटा गिरोह को सौंप देता था। एसटीएफ ने आरोपित नदीम से 7182 लोगों के क्रेडिट कार्ड का डाटा बरामद किया है। गिरोह इनमें से 450 लोगाें को अपना शिकार बनाकर उनसे करीब एक करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर चुका है।

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