बलिदानी दारोगा की मां और पत्नी को एसएसपी ने अपने कार्यालय में दिए 54.35 लाख के चेक
खंदौली के नहर्रा गांव में गोली मारकर ले ली थी दारोगा प्रशांत यादव की जान आगरा पुलिस ने बलिदानी दारोगा के परिवार के लिए इकट्ठा किया था एक दिन का वेतन
आगरा, जागरण संवाददाता। खंदौली के नहर्रा गांव में बलिदान हुए दारोगा प्रशांत यादव के परिवार को आगरा पुलिस ने एक दिन का वेतन देने की घोषणा की थी। सभी पुलिसकर्मियों के वेतन से 54.35 लाख रुपये इकट्ठे हुए थे। एसएसपी मुनिराज जी ने मंगलवार को बलिदानी दारोगा की मां और पत्नी को इस धनराशि चेक सौंप दिया। हालांकि खास बात यह रही कि चेक देने के लिए आश्रितों को उनके घर पर जाकर नहीं बल्कि एसएसपी मुनिराज ने अपने कार्यालय में बुलाया।
घटना 24 मार्च की शाम को हुई थी। थाना खंदौली के नहर्रा गांव में दो भाइयों शिवनाथ और विश्वनाथ के बीच आलू खोदने को लेकर विवाद हो रहा था। खंदौली थाने में तैनात दारोगा प्रशांत एक सिपाही के साथ विवाद सुलझाने वहां पहुंचे थे। आरोपित विश्वनाथ तमंचा लेकर धमकी दे रहा था। दारोगा प्रशांत यादव ने उसका पीछा किया तो उसने गोली मार दी। इससे प्रशांत यादव मौके पर ही मौत हो गई थी। प्रदेश सरकार ने उन्हें बलिदानी का दर्जा दिया था। दुख की इस घड़ी में पुलिसकर्मी प्रशांत के परिवार के साथ खड़े रहे। आगरा के पुलिसकर्मियों ने अपना एक दिन का वेतन प्रशांत के स्वजन को दिए जाने की घोषणा की थी। सभी पुलिसकर्मियों के एक दिन के वेतन से 54,35,500 रुपये एकत्रित हुए थे। मंगलवार को एसएसपी मुनिराज जी ने इसमें से 18.11 लाख रुपये का चेक प्रशांत की मां गायत्री देवी को दिया। इसके साथ ही उन्होंने 36,24,500 रुपये का चेक पत्नी रेनू को सौंप दिया। नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि कोरोना काल में दारोगा की मां व पत्नी और उनके बच्चे को अपने कार्यालय में बुलाना न्यायसंगत नहीं लगता। आश्रितों को उनके घर पहुंचकर ही राहत राशि के चेक दिए जाने चाहिए थे।