Mudiya Mela: मुड़िया पूर्णिमा पर सुर, संगीत, परंपरा की झंकार तोड़ेगी गोवर्धन का सन्नाटा

Mudiya Melaमुड़िया मेला निरस्त के कारण सन्नाटा झेल रही तलहटी की नीरसता को तोड़कर शोभा यात्रा सुर संगीत और परंपरा का अद्भुत प्रदर्शन करेगी। संत सनातन की मुड़िया शोभा यात्रा में गौड़ीय संत भक्ति की मस्ती में डूबते हुए मानसी गंगा की परिक्रमा करेंगे।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 04:18 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 04:18 PM (IST)
Mudiya Mela: मुड़िया पूर्णिमा पर सुर, संगीत, परंपरा की झंकार तोड़ेगी गोवर्धन का सन्नाटा
मुड़िया शोभा यात्रा में गौड़ीय संत शनिवार को मानसी गंगा की परिक्रमा करेंगे।

आगरा, जेएनएन। शनिवार को गिरिराजजी की ब्रज वसुंधरा में संत सनातन की संस्कृति झूमती नजर आएगी। सुबह की बेला में राधा श्याम सुंदर मंदिर के महंत रामकृष्ण दास के नेतृत्व में तो शाम की बेला में महाप्रभु मंदिर के महंत गोपाल दास के निर्देशन में संत सनातन की शोभा यात्रा निकलेगी। मुड़िया मेला निरस्त के कारण सन्नाटा झेल रही तलहटी की नीरसता को तोड़कर शोभा यात्रा सुर संगीत और परंपरा का अद्भुत प्रदर्शन करेगी।

संत सनातन की मुड़िया शोभा यात्रा में गौड़ीय संत भक्ति की मस्ती में डूबते हुए मानसी गंगा की परिक्रमा करेंगे। सनातन गोस्वामी के चित्रपट के साथ निताई गौर हरिबोल का संकीर्तन संतों में गजब का उत्साह पैदा कर देता है। उछलते कूदते संत विभिन्न आकर्षक झांकियों के साथ मानसी गंगा की परिक्रमा करेंगे। मुड़िया संत गोपाल दास के अनुसार गौड़ीय संप्रदाय के पूज्यपाद सनातन गोस्वामी के 1556 में गोलोक धाम पधारने के बाद से आज तक मुड़िया पूर्णिमा को सनातन गोस्वामी की छवि के साथ गौड़ीय संत संकीर्तन करते हुए परिक्रमा करते हैं। पहले सिर मुंडन कराकर परंपरा का निर्वहन करते हैं। सनातन परंपरा की दो मुड़िया शोभा यात्रा विगत कई वर्षों से निकाली जाती है। इसमें एक मुड़िया शोभा यात्रा राधा श्याम सुंदर मंदिर के महंत रामकृष्ण दास के सानिध्य में भी निकाली जाएगी।

अंग्रेजी शासन में भी मनाया जाता था मुड़िया मेला

- धीओ-धीओ उत्सव गौड़ीय वैष्णव संस्कृति की विशिष्टता है, जिसमें आचार्य के तिरोभाव तिथि के नाम पर मनाया जाता है। सनातन गोस्वामी के नाम पर धीओ-धीओ का उल्लेख वृंदावन धामानुरागावली पांडुलिपियों में मिलता है।जाता है। सनातन गोस्वामी के नाम पर धीओ-धीओ का उल्लेख वृंदावन धामानुरागावली पांडुलिपियों में मिलता है।

अंग्रेजी शासन में मथुरा के जिलाधिकारी रहे एफएस ग्राउस ने अपनी पुस्तिका में वृंदावन में गुरु पूर्णिमा के मौके पर मदनमोहन मंदिर में होने वाले इस उत्सव को मेले की सूची में डाला है, जिसमें उन्होंने आसाढ़ फुल मून (पूर्णिमा) के दिन मदनमोहन मंदिर पर धीओ-धीओ मेला लगने का उल्लेख किया है। 

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