साइकिल बनेगी दुकान, रफ्तार पकडे़गा अपना काम
लोगों को स्वरोजगार देने में सक्षम मैमोरियल ट्रस्ट ने की पहल - अलग-अलग काम के लिए साइकिल को किया गया डिजायन
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण काल में किसी की नौकरी चली गई है और वो अपना काम करने की सोच रहा है तो ये खबर उसके काम की है। अब अपना काम करने के लिए दुकान लेने की आवश्यकता नहीं होगी। साइकिल ही उनकी दुकान होगी। जहां चाहेंगे वहां अपनी दुकान चलाएंगे। इस मुश्किल समय में लोगों को कम लागत में अपना खुद का रोजगार शुरू करने के लिए सक्षम डावर मैमोरियल ट्रस्ट उम्मीद की किरण बनकर आया है। ट्रस्ट द्वारा लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। साइकिल पर टी स्टॉल, छोले-कुलचे सहित एक दर्जन से अधिक काम कर सकेंगे।
कोई काम छोटा नहीं होता। बस काम को सही तरीके से करने का हुनर आना चाहिए। इसी सोच के साथ सक्षम डावर ट्रस्ट ने बेरोजगार लोगों को रोजगार देने के लिए नई पहल की है। ट्रस्ट के संस्थापक पूरन डावर ने बताया कि कम संसाधन में बेहतर आय कैसे हो इसके लिए उन्होंने साइकिल को स्टॉल का आकार देने की सोची। साइकिल को इस तरह से डिजायन कराया कि उस पर पूरी दुकान आ जाए। काफी मेहनत के बाद साइकिल पर चलती-फिरती दुकान तैयार है। तीन तरह की साइकिल बनाई गई हैं। पहली टी स्टॉल के लिए। इसमें एक हॉट पॉट होगा, जिसमें पानी गर्म रहेगा। इसके अलावा टी बैग और अन्य सामान रखने के लिए पीछे पूरा केबिन बनाया गया है। आगे हैंडिल पर बॉक्स लगा है, जिसमें सामान रख सकेंगे। इस टी स्टॉल पर हर तरह की चाय मिलेगी, चाहे वो सादा चाय हो या मसाला चाय। दूसरी साइकिल गोलगप्पे की स्टॉल और तीसरी साइकिल छोले-चावल, राजमा-चावल या फिर इस तरह के कोई भी दूसरे खाद्य पदार्थ के लिए डिजायन की गई है। इन साइकिल को आसानी से कहीं से ले सकेंगे। पूरी दुकान साइकिल पर ही होगी। साइकिल के अलावा सब्जी और नारियल पानी के लिए भी अलग ठेल डिजायन की गई हैं। नारियल पानी की ठेल बिल्कुल नारियल के आकार की है। इसके अलावा सब्जी के लिए फाइव स्टार फूड ठेल बनाई गई है। उन्होंने बताया कि 17 अक्टूबर से वे इसकी शुरुआत करने जा रहे हैं। अभी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए सक्षम एप को डाउनलोड कर उस पर रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे।
30 हजार रुपये है कीमत
उन्होंने बताया कि अभी इस साइकिल की कीमत 30 हजार रुपये रखी गई है। भविष्य में ज्यादा मांग होने पर इसका अधिक उत्पादन होगा तो इसकी कीमत कम भी हो सकती है। साइकिल के साथ उनकी ओर से पहली बार सिलेंडर और बर्नर समेत सभी सामान उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा रोजगार करने वाले को पूरी ट्रेनिग भी दी जाएगी। कैसे सामान बनाना है, कैसे लोगों को उसे परोसना है। कैसे साफ-सफाई रखनी है, ये सब सिखाया जाएगा। आने वाले समय में उनकी योजना बना हुआ खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने की है, जिससे लोगों को बेहतर सामान मिल सके। 15 से 50 हजार तक कर सकते हैं कमाई
उन्होंने बताया कि अगर कोई साइकिल पर टी स्टॉल लगाता है तो वो 15 से लेकर 50 हजार रुपये तक कमा सकता है। उन्होंने इसके लिए रिसर्च भी कराया। अगर दिन में 100 चाय भी सेल होती हैं तो 10 रुपये के हिसाब से एक हजार रुपये हो गए। अगर इसमें लागत निकाल दें तो 50 फीसद से अधिक का मुनाफा होगा। जितनी ज्यादा बिक्री, उतना ज्यादा मुनाफा।