पलभर में ये तोड़ देते बाइक का लॉक, उड़ा दिए अब तक 200 से ज्यादा वाहन Agra News
गिरोह का सरगना समेत छह गिरफ्तार किए। एक ही गांव में बेचे 100 चोरी के वाहन। पिनाहट पुलिस की दबिश के बाद नगला दलेल के अधिकांश घरों में पड़े ताले।
आगरा, जागरण संवाददाता। जिले से 200 वाहनों को चोरी करके दूसरे राज्यों में बेचने वाले गिरोह को पुलिस ने सरगना समेत गिरफ्तार कर लिया। पिनाहट पुलिस द्वारा दबोचे गए छह शातिरों ने चोरी के 100 वाहन यमुना की तलहटी में बसे गांव नगला दलेल में बेच दिए थे। पुलिस ने वहां दबिश दी तो अधिकांश गांव खाली हो गया। लोग अपने घरों पर ताले डालकर चले गए। पुलिस ने गिरोह से 14 दोपहिया वाहन बरामद किए हैं। पुलिस लाइन में रविवार को प्रेसवार्ता में एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि गिरोह का सरगना खुशीराम निवासी बगेड़िया, फतेहाबाद है। गिरोह ने पूछताछ में बताया कि वह अब तक करीब 200 दोपहिया वाहनों को चोरी कर चुका है। इन वाहनों को वह मध्य प्रदेश और राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में बेचते थे। शातिरों का दावा है कि उन्होंने 100 वाहन पिनाहट में चंबल की तलहटी में बसे गांव नगला दलेल में बेच चुके हैं। दोपहिया वाहनों को खरीदने के बाद वहां के ग्रामीण पड़ोसी राज्यों में अपने रिश्तेदारों और परिचितों को बेच देते थे। पुलिस ने नगला दलेल में दबिश दी। ग्रामीणों को भनक लगने पर अधिकांश घरों में ताले डालकर लोग भाग गए। उन्हें डर था कि पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ करेगी। नगला दलेल मध्य प्रदेश, राजस्थान की सीमा से लगता है। गिरोह को गिरफ्तार करने वाली टीम में इंस्पेक्टर ज्ञानेंद्र सोलंकी, एसआइ आनंद सिंह, सोनू शर्मा, सिपाही मोहम्मद रियाजुद्दीन, मदन सिंह आदि थे। गिरफ्तार शातिर सरगना के अलावा गिरफ्तार वाहन चोरों के नाम रमाकांत निवासी गांव महावई फतेहाबाद, गंभीर निवासी बैंगनपुर फतेहाबाद, सुरेंद्र निवासी नौगंवा फतेहाबाद, भूरी सिंह निवासी कुबेरगढ़ी फतेहाबाद और बंटी निवासी गुर्जापुर बसई अरेला हैं। जबकि फरार आरोपितों के नाम रघुनी उर्फ रघुराज निवासी कुंवरगढ़ पिनाहट और नैने निवासी नगला दलेल पिनाहट हैं। गैरेज में बदल देते थे वाहनों का हुलिया वाहन चोरी करने के बाद शातिर उसे गैरेज में ले जाकर हुलिया बदल देते थे। गाड़ी के रंग के अलावा उसकी सीट, बैग और हैंडल आदि बदलते थे। इससे कि वाहन मालिक एक नजर में अपनी गाड़ी को पहचान नहीं सके। सरगना का भाई भी हिस्ट्रीशीटर पुलिस के अनुसार सरगना खुशीराम का भाई राजवीर सिंह भी फतेहाबाद थाने का हिस्ट्रीशीटर है। वह शातिर वाहन चोर है। उसके खिलाफ वाहन चोरी समेत विभिन्न मामलों में आगरा, एटा एवं फीरोजाबाद में एक दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। सौदा होने के बाद ठिकाने पर पहुंचाते थे वाहन गिरोह के सदस्य वाहनों को चोरी करने के बाद उन्हें निश्चित ठिकानों पर खड़ा कर देते थे। गाड़ी का सौदा होने के बाद दूसरे साथी उसे वहां पहुंचा देते। गाड़ी को चोरी से बचाना है तो अपनाएं ये तरीका गिरोह ने पूछताछ में चोरी करने के तरीकों के अलावा जिन वाहनों को उठाने से बचते हैं, वह भी बताया। वाहन चोरी करने में 30 से 45 सेकेंड लगता है। जिन दोपहिया वाहनों में व्हील लॉक लगा होता है, उन्हें नहीं उठाते। वाहन में दो लॉक लगे होने के चलते उसे खोलने में दोगुना समय लगता है। इसलिए ऐसे वाहनों को निशाना नहीं बनाते। गाड़ी के इग्निशन लॉक के ग्रुव्स घिस जाने पर वह मास्टर चाबी से आसानी से खुल जाते हैं। उसे पुराना होने पर बदल देने से मास्टर की जल्दी काम नहीं करती। उसे खोलने में एक मिनट से समय लगता है। गाड़ी को खड़ी करके जाते समय उसका प्लग निकाल दें, इससे मास्टर चाबी लगने के बाद भी वह स्टार्ट नहीं होगी। गाड़ी खड़ी करने के बाद एक मिनट तक उस पर नजर रखें, शातिर अपने सामने खड़ी हुई गाड़ी को ही निशाना बनाते हैं।
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