Electricity Supply in Agra: आगरा में दावे झूठे, नेटवर्क जर्जर, उपभोक्ता परेशान
Electricity Supply in Agra पिछले वर्ष नहीं हुआ था विद्युत सुधार कार्य अब उपभोक्ता झेल रहे खामियाजा। टूटने के कगार पर तार और गिरासू हो रहे खंभे। डीवीवीएनएल से पोषित आगरा सहित 21 जिलों में हर वर्ष विद्युत तार टूटने से सैकड़ों घटनाएं होती है।
आगरा, जागरण संवाददाता। बिजली विभाग हर सीजन की तैयारी के बड़े-बड़े दावे करता है। करोड़ों रुपये खर्च करने का खाका खीचते हैं, लेकिन विद्युत नेटवर्क फिर भी जर्जर ही बना रहता है। इसका खामियाजा उपभोक्ता भुगते है। मई, जून में तार टूटने देहात में काफी घटनाएं होती हैं।
दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) के अधिकारी गर्मी और सर्दी के मौसम से पहले ही बिजली नेटवर्क को दुरुस्त करने के लिए फीडरों पर ट्रांसफारमरों की क्षमता वृद्धि, पुरानी लाइन बदलना व नई लाइन निर्माण, ट्रांसफारमरों की शिफ्टिंग, गिरासू खंभों को बदलना आदि कार्य करते हैं। यह कार्य करोड़ों रुपये के खर्च से कराया जाता है। इसके बाद भी देहात में कुछ जगह धरातल पर स्थिति जस के तस बनी रहती हैं। अघोषित विद्युत कटौती का सिलसिला जारी रहता है। जर्जर लाइन और खंभों से किसी भी समय हादसा सबब बन जाते हैं। बिना शेड्यूल बिजली सप्लाई होती है।
हर वर्ष करोड़ों रुपये जुर्माना
डीवीवीएनएल से पोषित आगरा सहित 21 जिलों में हर वर्ष विद्युत तार टूटने से सैकड़ों घटनाएं होती है। विद्युत विभाग ग्रामीणों को करोड़ों रुपये का जुर्माना देता है। गर्मी में गेहूं की फसल जलने, पशु जलने और व्यक्ति करंट से झुलसने के मामले ज्यादा सामने आते हैं।