हिदी प्रौद्योगिकी के प्रयोग और संभावनाओं पर विचार गोष्ठी

केंद्रीय हिदी संस्थान एवं विश्व हिदी सचिवालय के तत्वावधान में आनलाइन हुई गोष्ठी

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 08:55 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 08:55 PM (IST)
हिदी प्रौद्योगिकी के प्रयोग और संभावनाओं पर विचार गोष्ठी
हिदी प्रौद्योगिकी के प्रयोग और संभावनाओं पर विचार गोष्ठी

आगरा, जागरण संवाददाता । केंद्रीय हिदी संस्थान एवं विश्व हिदी सचिवालय के तत्वावधान में वैश्विक हिदी परिवार ने आनलाइन विचार गोष्ठी का आयोजन किया। गोष्ठी का विषय हिदी प्रौद्योगिकी प्रयोग और संभावनाएं था। वक्ताओं ने कोरोना काल में ई-बुक व ई-पत्रिकाओं के बढ़ते प्रसार पर चर्चा की।

नोटनुल डाट के संस्थापक नीलाभ श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना काल में मुद्रित पुस्तकों एवं पत्रिकाओं से अलग ई-बुक व ई-पत्रिकाओं का चलन बढ़ा है। इस क्षेत्र में चुनौतियों के बावजूद बहुत संभावनाएं हैं। मसाला चाय यू ट्यूब चैनल की संचालिका सुदीप्ता सिन्हा ने कहा कि उन्हें हिदी की खराब हालत देखकर बहुत दुख होता है। मार्कमायबुक डाट काम के सह संस्थापक मनीष धारीवाल ने कहा कि वे लेखकों, प्रकाशकों, अनुवादकों और पाठकों को डेसबोर्ड के माध्यम से उनके काम, संदेश और प्रतिक्रिया को दुनिया भर में पहुंचाने के लिए बहुत कम कीमत में एक मंच उपस्थित कराते हैं। रेवेरी लैंग्वेज टेक्नोलाजी के सह संस्थापक विवेकानंद पाणि ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि जब पूरा समाज अंग्रेजी पढ़ने में गर्व अनुभव करता था तो मैंने सी-डैक में पहले अपनी मातृभाषा को कंप्यूटर पर सक्षम करने के लिए तकनीकी ज्ञान को उपयोग करने का लक्ष्य बनाया। पत्रकार राहुल देव ने कहा कि इन लोगों ने सरकारी सहायता के न होते हुए भी हिदी एवं अपनी भाषाओं के संवर्धन के लिए गंभीर प्रयास किए हैं। निश्चित ही भाषा भारत जैसे प्रयासों से देश में हिदी की स्थिति में सुधार होगा।

गोष्ठी की व्यवस्थाएं संस्थान के उपाध्यक्ष अनिल शर्मा जोशी ने संभालीं। संयोजन डा. राजेश कुमार व स्वागत डा. केशरी नंदन ने किया। संचालन अनूप भार्गव ने किया। पद्मश्री मिजोकामी जी, प्रो. वीआर जगन्नाथन आदि ने भी विचार साझा किए। अंत में आभार संध्या सिंह ने व्यक्त किया।

chat bot
आपका साथी