Teachers on Duty: स्कूल हैं बंद, शिक्षकों की ड्यूटी जारी, हर रोज करेंगे पांच विद्यार्थियों से बात
विद्यार्थियों की समस्या निस्तारण के लिए शासन ने निकाला नया तरीका। संसाधन न होने पर स्मार्टफोन वाले पडो़सी को तलाश कर कराएंगे पढ़ाई। साथ ही मौके पर ही उनकी समस्या का समाधान करने की कोशिश करेंगे। आनलाइन शैक्षणिक सामग्री विद्यार्थियों तक पहुंचाएंगे।
आगरा, जागरण संवाददाता। बढ़ते कोरोना संक्रमण के बाद परिषदीय विद्यालय 24 मार्च से 15 मई तक लगातार बंद हैं, वर्तमान परिस्थितियां देखते हुए फिलहाल उनके खुलने के हालात भी नजर नहीं आ रहे। ऐसे में शिक्षकों और विद्यार्थियों के बीच संवाद बना रहे। इसके लिए शासन ने शिक्षकों को निर्देश दिए हैं कि वह प्रतिदिन विद्यार्थियों को फोन कर उनके संपर्क में रहे।
एक अप्रैल से नए सत्र की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन विद्यालय बंद होने के कारण पठन-पाठन की प्रक्रिया अभी पटरी पर नहीं लौट पाई है, जिसके लिए शासन स्तर से प्रयास शुरू हो चुके हैं। शुरुआत शिक्षकों से की गई है कि वह हर रोज अपने विद्यालय के पांच विद्यार्थियों को अनिवार्य रूप से फोन करेंगे और उनकी समस्याओं व कठिनाइयों की जानकारी प्राप्त करेंगे। साथ ही मौके पर ही उनकी समस्या का समाधान करने की कोशिश करेंगे।
जिला बेसिक शिक्षाधिकारी राजीव कुमार यादव ने बताया कि शासन का प्रयास है कि वर्तमान परिस्थितियों में सिर्फ आनलाइन शिक्षण पर ही ध्यान दिया जाए। ताकी महामारी के इस दौर में भी विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान न हो। इसके लिए सभी शिक्षक अपने स्तर से प्रयास करेंगे। आनलाइन शैक्षणिक सामग्री विद्यार्थियों तक पहुंचाएंगे। दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले शैक्षणिक कार्यक्रमों की जानकारी भी उन्हें देंगे। जिन विद्यार्थियों व अभिभावकों के पास स्मार्टफोन नहीं होंगे, उनके पडोसियों से संपर्क कर शैक्षणिक सामग्री पहुंचाने की कोशिश की जाएगी। प्रत्येक विद्यार्थी को अपने परिवार के बच्चा समझकर शिक्षण कार्य पूरा कराने के निर्देश शासन ने दिए हैं।
बता दें कि मिशन प्रेरणा का तीसरा चरण 12 अप्रैल से शुरू हो चुका है। शिक्षक अभिभावकों व विद्यार्थियों से किस विषय पर वार्ता करेंगे और पाठ्य सामग्री को लेकर उनकी कार्य योजना क्या रहेगी, इन सब बातों को वह अपनी शैक्षणिक डायरी में अनिवार्य रूप से अंकित करेंगे, ताकी उनकी सफलता, असफलता, कमियों आदि का आंकलन कर कमियों को दूर किया जा सके।