डर, सतर्कता और उत्साह के साथ बीता स्कूल का पहला दिन

पांच महीने बाद खुले कक्षा पहली से पांचवीं तक के स्कूल कोरोना प्रोटोकाल के बीच खेल-खेल में हुई पढ़ाई

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Sep 2021 08:15 PM (IST) Updated:Wed, 01 Sep 2021 08:15 PM (IST)
डर, सतर्कता और उत्साह के साथ बीता स्कूल का पहला दिन
डर, सतर्कता और उत्साह के साथ बीता स्कूल का पहला दिन

आगरा, जागरण संवाददाता। आखिरकार जिसका इंतजार था, वो दिन आ ही गया। बुधवार को करीब पांच महीने बाद स्कूल खुले, तो 30 फीसद विद्यार्थी उत्साह के साथ स्कूल पहुंचे। उनके पहले दिन को यादगार बनाने को स्कूलों ने इंतजाम किए थे। ढोल बजाकर, तिलक लगाकर और गिफ्ट देकर उनका स्वागत किया गया। विद्यार्थियों ने भी दोस्तों से खूब बातें कीं। सतर्कता के बीच थोड़ा डर भी दिखा।

लंबे समय बाद स्कूल खुले, तो अभिभावक बच्चों को खुद छोड़ने पहुंचे। कुछ बच्चे ऐसे भी थे, जिन्होंने कोरोना आने के डेढ़ साल बाद स्कूल में पहली बार कदम रखा। इसलिए उनमें थोड़ा डर और हिचक भी दिखी। स्कूलों के द्वार पर थर्मल स्क्रीनिग हुई, हाथ सैनिटाइजट कराने और मास्क पहनने के बाद प्रवेश दिया गया।

स्कूलों में हुआ भव्य स्वागत

दयालबाग स्थित प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल में विद्यार्थियों को माला पहनाकर, तिलक कर स्वागत किया गया। चाकलेट से उनका मुंह मीठा कराया गया। स्कूल निदेशक डा. सुशील गुप्ता ने बताया कि कोविड प्रोटोकाल के बीच दो घंटे में विभिन्न गतिविधियां जैसे डांसिग, सिगिग आदि कराई गर्इं, ताकि विद्यार्थी अवसाद, कुंठा और एकाकीपन को भूल स्कूल के माहौल में रम जाएं। सिकंदरा स्थित होली पब्लिक स्कूल पहुंचे विद्यार्थियों के हाथों से स्कूल गेट पर लगा रिबन कटवाकर, उनका तिलक कर स्वागत किया गया। शिक्षकों ने तालियां बजाकर उनका अभिवादन किया। शिवालिक स्कूल में बच्चों का स्वागत तिलक लगाकर और गिफ्ट देकर किया गया। स्कूल निदेशक शिवांग यादव व गौरांग यादव ने बताया कि पहले दिन गीत, कविता, कहानियों के माध्यम से बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाया गया। 25 से 30 फीसद रही उपस्थिति :

नेशनल एसोसिएशन आफ प्रोग्रेसिव स्कूल आफ आगरा (नप्सा) अध्यक्ष संजय तोमर ने बताया कि पहले दिन स्कूलों में 25 से 30 फीसद उपस्थिति रही। वर्तमान माहौल में हमें इतनी ही उम्मीद थी। आने वाले दिनों में इसमें और इजाफा होगा।

परिषदीय विद्यालयों में दिखा उत्साह : बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक स्कूल खुलने के बाद हालांकि शिक्षकों को विद्यार्थियों के आने का इंतजार करना पड़ा था, लेकिन प्राथमिक कक्षाओं के विद्यार्थियों में स्कूल आने का काफी उत्साह था। ज्यादातर स्कूलों में विद्यार्थी सुबह स्वेच्छा से स्कूल पहुंच गए। सिकंदरा प्राथमिक स्कूल कन्या में विद्यार्थी निर्धारित समय पर सुबह आठ बजे पहुंच गए, लेकिन साढ़े आठ बजे तक शिक्षकों के न आने के कारण उन्हें गेट पर ही इंतजार करना पड़ा। सिकंदरा स्थित प्राथमिक स्कूल बालक में विद्यार्थियों के पहुंचने के बाद सुबह साफ-सफाई हुई। पुरानी किताबों से हुई नए सत्र में पढ़ाई : न्यू आगरा स्थित प्राथमिक स्कूल में 280 में से 120 विद्यार्थी समय से पहुंचे। उनकी पढ़ाई भी शुरू हुई, लेकिन विद्यार्थियों को नए सत्र की किताबें अब तक नहीं मिली हैं। इस कारण नए सत्र के पहले दिन उन्हें पिछले साल की पुरानी किताब से पढ़ना पढ़ा। स्कूल में निर्माण कार्य के कारण कुछ अव्यवस्थाएं दिखीं। बारिश का पानी भी परिसर में भरा होने के कारण विद्यार्थियों को कक्षा तक पहुंचने में परेशानी हुई। नहीं पहुंचे विद्यार्थी, न शिक्षक : कुछ परिषदीय स्कूल ऐसे भी थे, जहां पहले दिन न विद्यार्थी पहुंचे और न शिक्षक। माईथान स्थित प्राथमिक स्कूल में साढ़े 10 बजे तक सिर्फ एक शिक्षा मित्र ही पहुंचीं। एक भी विद्यार्थी नहीं आया। शिक्षा मित्र ने बताया कि एक शिक्षा मित्र विद्यार्थियों को उनके घर बुलाने गई हैं। एक शिक्षा मित्र अभी नहीं आयीं, जबकि प्रभारी प्रधानाध्यापक पर दूसरे स्कूल का भी चार्ज है, इस कारण वे दो-तीन दिन में एक बार ही आते हैं। स्कूल में गंदगी बिखरी थी। स्कूल गेट पर ही सीवर उफन रहा था।

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