मदरसों में घोटाला: जानिये छात्रवृत्ति में होता रहा कैसे करोड़ों का घालमेल

मदरसा संचालक को भेजा जेल, अन्य की तलाश में दबिश दे रही पुलिस। सभी मदरसों की छात्रवृत्ति का सत्यापन हुआ तो बहुत नपेंगे।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Mon, 21 Jan 2019 01:52 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jan 2019 01:52 PM (IST)
मदरसों में घोटाला: जानिये छात्रवृत्ति में होता रहा कैसे करोड़ों का घालमेल
मदरसों में घोटाला: जानिये छात्रवृत्ति में होता रहा कैसे करोड़ों का घालमेल

आगरा, जागरण संवाददाता। बैंक प्रबंधक और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की मिलीभगत से मदरसा संचालकों ने बड़ा गोलमाल किया है। इस खेल में शामिल एक मदरसा संचालक को जेल भेज दिया गया। पुलिस को इसमें करोड़ों के गोलमाल की आशंका है। इसकी जांच के लिए एसआइटी बनाई जा सकती है।

केंद्र सरकार से मदरसों के लिए आने वाली छात्रवृत्ति में सेंध लगाने को बड़े नेटवर्क ने काम किया है। एसबीआइ के ग्राहक सेवा केंद्र संचालक समेत पांच की गिरफ्तारी के बाद यह मामला खुला था। अब इसमें शामिल मदरसा संचालक शहजाद को गिरफ्तार कर रविवार को पुलिस ने जेल भेज दिया। पुलिस की अब तक की जांच में शहजाद और रुस्तम के पांच मदरसों में एक वित्तीय वर्ष में करीब 40 लाख रुपये की छात्रवृत्ति हड़पी गई थी। शहजाद ने पूछताछ में बताया था कि शहर में चले रहे मदरसों में से करीब आधे इसी तरह छात्रवृत्ति हड़प रहे हैं। इसलिए वित्तीय वर्ष 2016-17 में करोड़ों का घोटाला होने की आशंका है। विशेष टीम द्वारा सभी मदरसों की छात्रसंख्या का वेरीफिकेशन किया गया तो बहुत से मदरसा संचालक और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारी फसेंगे।

अल्पसंख्यक विभाग भी है शामिल

मदरसों में छात्रवृत्ति के घोटाले की जड़ें बहुत गहरी हैं। पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए एक मदरसा संचालक से पूछताछ में इसके सुराग मिले हैं। आशंका जताई है कि सरकारी धन के बंदरबांट में समाज कल्याण विभाग भी शामिल रहा है। क्योंकि इन्हीं की मुहर के बाद छात्रवृत्ति की रकम जारी हुई।

केंद्र सरकार से मदरसों को मिलने वाली छात्रवृत्ति को हड़पने के लिए बड़ा गिरोह काम कर रहा था। जगदीशपुरा के नवीं सराय बोदला निवासी शहजाद ने पुलिस हिरासत में स्वीकार किया कि उसके दो मदरसों में 300 से अधिक फर्जी छात्र थे। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की वेबसाइट पर डाटा फीड करने के बाद सत्यापन विभाग को ही करना होता था। यहां से फर्जी छात्रों का सत्यापन हो जाता था और छात्रवृत्ति की राशि छात्रों के खातों में पहुंच जाती थी। मदरसा संचालकों द्वारा बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से खुलवाए गए खातों में भी छात्रवृत्ति पहुंची थी। इसे बांट लिया गया। पुलिस को आशंका है कि दो संचालकों के पांच मदरसों के अलावा और भी बहुत से मदरसे हैं, जिनमें वर्ष 2016-17 की छात्रवृत्ति में गोलमाल हुआ है। अब इनका सत्यापन कराया जाएगा। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच होगी।

इन मदरसों का गोलमाल आया सामने

अमन उल इस्लाम, मदरसा एसके एजूकेशनल एकेडमी, मदरसा इलजा सिद्दीकी, वीके अब्बासी, मदरसा रुस्तम ए हिंद।

गिरफ्तार करने वाली टीम

साइबर सेल प्रभारी अमित कुमार, कांस्टेबल विजय तोमर, जितेंद्र बाबू, बबलू कुमार, इंतजार, विकास चौधरी, इंस्पेक्टर जैनुल हुसैन।

सरकारी धन हड़पने वालों पर लगेगी गैंगस्टर

एसएसपी अमित पाठक शनिवार को एत्माद्दौला थाने पहुंच गए। उन्होंने विवेचक को निर्देश दिए कि इस मामले में सभी की भूमिका स्पष्ट करते हुए विवेचना में शामिल करें। साथ ही गिरोह में शामिल अभियुक्तों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई करें।

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