Sawan 2021: आगरा में यमुना किनारे बना है गंगा मैया का मंदिर, प्राचीन शिवलिंग की है विशेष मान्यता

Sawan 2021 मंदिर का निर्माण वर्ष 1898 में खूबचंद कौशल की धर्मपत्नी गणेश कुंवर ने कराया था। मंदिर में गंगा के भव्य विग्रह के साथ ही यहां प्राचीन शिवलिंग भी है। गंगा के साथ श्रद्धालु देवाधिदेव भगवान शंकर का भी पूजन करते हैं जिससे उनकी मनोकामना पूरी होती है।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 03:15 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 03:15 PM (IST)
Sawan 2021: आगरा में यमुना किनारे बना है गंगा मैया का मंदिर, प्राचीन शिवलिंग की है विशेष मान्यता
शिव मंदिरों की इस श्रंखला में एत्मादपुर में गंगा महारानी मंदिर है।

आगरा, जागरण संवाददाता। एत्मादपुर के मुख्य बाजार स्थित गंगा महारानी मंदिर में प्राचीन शिवलिंग है। यहां सावन में भक्ति का सैलाब उमड़ता था, मगर कोरोना काल में सीमित संख्या में ही श्रद्धालु आ रहे हैं।

आगरा जिले का शायद ही कोइ क्षेत्र एेसा हो जहां शिव की भक्ति के रंग न दिखते हो। शिव की भक्ति शहर के चारों कोनो में ही नहीं बल्कि हर कण में बसी हुइ है। कल कल करती यमुना नदी के किनारे न जाने कितने ही शिवालय हैं जो आस्था के प्रमुख केंद्र हैं। शिव मंदिरों की इस श्रंखला में एत्मादपुर में गंगा महारानी मंदिर है। इस मंदिर में प्राचीन शिवलिंग है। जिसकी मान्यता दूर दूर तक फैली हुइ है। 

मंदिर का इतिहास

मंदिर का निर्माण वर्ष 1898 में खूबचंद कौशल की धर्मपत्नी गणेश कुंवर ने कराया था। मंदिर में गंगा के भव्य विग्रह के साथ ही यहां प्राचीन शिवलिंग भी है। गंगा के साथ श्रद्धालु देवाधिदेव भगवान शंकर का भी पूजन करते हैं, जिससे उनकी मनोकामना पूरी होती है।

विशेषता

सावन के महीने में यहां दूर-दूर से श्रद्धालु रुद्राभिषेक के साथ कालसर्प दोष से मुक्त कराने के लिए आते हैं। इस पूजन से उन्हें विशेष लाभ मिलता है।

गंगा महारानी और भगवान शंकर के एक ही जगह मंदिर बहुत कम हैं। इसके चलते मंदिर की मान्यता लगातार बढ़ रही है। यहां सभी की मनोकामना पूरी होती है।

-पं. विनय आचार्य, महंत 

मंदिर में भगवान शंकर का रुद्राभिषेक करने से फल की अवश्य प्राप्ति होती है। मैंने भी यह अनुष्ठान कराया था, जिससे मेरी पत्नी गंगेश राठौर को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई।

-सर्वेश राठौर, श्रद्धालु 

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