Sawan 2021: आज से शुरू हुए सावन माह में जानिए कैसे प्रसन्न करें महादेव को
Sawan 2021 आज से आरंभ हुआ है भगवान शिव का प्रिय माह सावन। 22 अगस्त को रक्षाबंधन यानि पूर्णिमा के साथ होगा सावन का समापन। पूरे माह शिव आराधना करने से मिलता है विशेष फल। महादेव को प्रिय बेलपत्र को चढ़ाने से होते हैं वे प्रसन्न।
आगरा, जेएनएन। श्रावण मास भगवान शिव को अति प्रिय है। पूरे श्रावण मास जो भी श्रद्धालु भगवान आशुतोष की पूजा-अर्चना करता है। ओम नम: शिवाय का जाप तथा पंचामृत अभिषेक प्रेम-श्रद्धा की भावना से करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। श्रावण मास में सोमवार का व्रत रखने से इच्छित फल की प्राप्ति होती है।
सोमवार को शिवालय में जाकर शिव पूजन, पंचाक्षर मंत्र का जाप और शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए। व्रत के दिन यथासंभव मौन रहना चाहिए। क्रोध, घृणा, द्वेष, ईर्ष्या व निंदा से बचना चाहिए। सांसारिक कामों में कम मन लगाना चाहिए। सायंकाल भगवान शिव का पूजन कर एक ही बार अन्न या फलाहार ग्रहण करें। आचार्य पं. विश्वदीप उपाध्याय ने बताया कि श्रावण मास सबसे पवित्र व शुद्ध महीना होता है। भगवान शिव का वास रहता है। शिव को श्रद्धा व भक्ति अधिक प्रिय होती है। भगवान शंकर भोले अपने भक्तों व कांवड़ लाने वालों शिवभक्तों को सुख-समृद्धि और धन-धान्य आदि प्रदान करते हैं। कांवड़ यात्रा एक तपस्या है, इसमें भगवान शिव के प्रति प्रेम और श्रद्धा भावना उत्पन्न होती है। महामंत्र पंचाक्षर मंत्र ओम नम: शिवाय का जाप करना फलदायी है। पुत्र प्राप्ति के लिए श्रावण के किसी भी सोमवार से शिव मंदिर में बैठकर प्रात:काल 11 माला 11 सोमवार तक ''ओम नम: शिवाय पुत्र देहि'' मंत्र का जाप करने से पुत्र की प्राप्ति होती है। सावन के किसी भी मंगलवार से प्रात:काल आठ माला जाप करके आठवें मंगलवार को ''ओम नम: शिवाय धन देहि'' मंत्र के साथ समापन करें तो धन की प्राप्ति होती है। श्रावण के किसी भी शनिवार को सायंकाल शिव का ध्यान करके 11 माला ''ओम नम: शिवाय शत्रु नाशय'' का जाप करने से शत्रु का विनाश होता है।