Dispute of Wall: दयालबाग के दीवार प्रकरण में सत्संगियों को मिली अग्रिम जमानत

24 जुलाई को तहसील सदर की टीम ने दयालबाग क्षेत्र में चकबंदी की जमीन पर बताकर ढहा दी थी दीवार। सत्संगियों के दोबारा दीवार बनाने पर न्यू आगरा थाने में दर्ज किया गया था मुकदमा। इसके बाद कई दिन तक तैनात रही थी यहां पीएसी।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 03:42 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 03:42 PM (IST)
Dispute of Wall: दयालबाग के दीवार प्रकरण में सत्संगियों को मिली अग्रिम जमानत
आगरा जिला जज ने बुधवार को सत्‍संगियों की अग्रिम जमानत याचिका को मंजूर कर दिया है।

आगरा, जागरण संवाददाता। दयालबाग के दीवार प्रकरण में सत्संगियों को अदालत से अग्रिम जमानत मिल गई है। उनके खिलाफ पुलिस की ओर से न्यू आगरा थाने में रास्ता अवरुद्ध करने,बलवा एवं मारपीट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसमें सत्संगियाें की ओर से अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था।

प्रशासन और सत्संगियाें के बीच नहर के पास बनी दीवार को लेकर विवाद चल रहा है। प्रशासन का दावा है कि दीवार चक रोड पर कब्जा करके बनाई गई है। वहीं सत्संगियों का कहना है कि दीवार उनकी निजी नहर की जमीन पर बनाई गई है। इसे लेकर 24 जुलाई को सत्संगी और प्रशासन आमने-सामने आ गया था। मामले में न्यू आगरा थाने में इंस्पेक्टर की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था। जिसके अनुसार 24 जुलाई 2021 को मौजा जगनपुर में रजवाहे की पट्टी काे प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा हटवा दिया गया था। शाम को सत्संगियों द्वारा प्रदर्शन की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची थी।

अगले दिन 25 जुलाई को चीता मोबाइल ने पुलिस को सूचना दी कि बड़ी संख्या में मौके पर जुटे सत्संगियों द्वारा हटाई गई दीवार को दोबारा बनाने का प्रयास कर रहे हैं। मौके पर जाने पर पुलिस को देख सत्संगियों ने नारेबाजी शुरू कर दी। पुलिस के साथ गाली-गलौज, धक्का-मुक्की करते हुए धमकी दी। मौके पर 500 से 600 लोगों की भीड़ देख अन्य थानों का फोर्स बुलाना पड़ा। भीड़ में शामिल लोगों के हाथों में ईंट-पत्थर, लाठी व डंडे थे।

पुलिस की ओर से दर्ज मुकदमे में प्रेम प्यारा, सामा उर्फ साहब सरन शर्मा, सरन प्रकाश गुप्ता, बंटी सत्संगी, हरी चाय वाला उर्फ मंजीत रिंकू की ओर से अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था। जिला जज ने प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद अग्रिम जमानत स्वीकृत करते हुए रिहाई के आदेश दिए। अदालत के फैसले पर सत्‍संगियों ने खुशी जताई है। 

chat bot
आपका साथी