धोना पड़ गया हाथ, पहले आगरा खंड स्नातक सीट पर भाजपा से बड़ी जीत दर्ज कर चुकी है सपा

पिछले चुनाव में सपा प्रत्याशी ने भाजपा प्रत्याशी को 9419 वोट से हराया था। इस बार हार-जीत का अंतर 6095 वोटों का। इस चुनाव में भी सपा प्रत्याशी ने पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे भाजपा प्रत्याशी से अधिक वोट हासिल किए हैं।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Sat, 05 Dec 2020 11:49 AM (IST) Updated:Sat, 05 Dec 2020 11:49 AM (IST)
धोना पड़ गया हाथ, पहले आगरा खंड स्नातक सीट पर भाजपा से बड़ी जीत दर्ज कर चुकी है सपा
आगरा स्‍नातक सीट पर भाजपा की जीत हुई है लेकिन सपा ने भी खूब पसीना छुड़ाया है।

आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा खंड एमएलसी स्नातक का भी परिणाम घोषित हो चुका है। भाजपा के मानवेंद्र प्रताप सिंह 6,095 वोटों से चुनाव जीत चुके हैं। मगर, इस दौड़ में कई बार उनका पसीना भी छूटा। ये पसीना छुड़ाया सपा प्रत्याशी डा. असीम यादव ने। जोकि पिछले एमएलसी स्नातक चुनाव के विजेता भी थे। एक-दो राउंड में तो उन्होंने भाजपा प्रत्याशी को पीछे ही छोड़ दिया। ये अलग बात है कि अंत में वह जीत का स्वाद नहीं चख सके। सपा के कब्जे वाली एमएलसी स्नातक सीट भाजपा ने छीन ली है। मगर, पिछला चुनाव सपा ने भाजपा से काफी बेहतर लड़ा था।

भाजपा प्रत्याशी मानवेंद्र प्रताप सिंह को 40,070 वोट मिले। वहीं, सपा प्रत्याशी डा. असीम यादव को 33,975 वोट मिले। पिछले एमएलसी स्नातक चुनाव में डा. असीम यादव को 40,748 वोट मिले थे। जोकि इस साल के विजयी मानवेंद्र प्रताप सिंह से 678 वोट ज्यादा थे। इतना ही नहीं, पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर भाजपा प्रत्याशी डा. ज्ञान प्रकाश गुप्ता के मुकाबले डा. असीम यादव को 9,419 वोट ज्यादा मिले थे। ज्ञान प्रकाश को 31,329 वोट ही मिले थे। यानी भाजपा से बड़ी जीत दर्ज कर चुके हैं इस बार के दूसरे नंबर पर रहे सपा प्रत्याशी। इस चुनाव में भी सपा प्रत्याशी ने पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे भाजपा प्रत्याशी से अधिक वोट हासिल किए हैं। हालांकि सपा के इस किले पर अब भाजपा का झंडा लहरा रहा है। समाजवादी पार्टी की तैयारी अब अगले विधानसभा को लेकर चल रही है, ऐसे में पार्टी विधान परिषद चुनाव में स्थिति को देख अब अपनी रणनीति मेंं बदलाव करेगी।  

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