वैक्‍सीनेशन सर्टिफिकेट के चक्‍कर में आगरा में रुका 10 हजार शिक्षकों और कर्मचारियों का वेतन

प्रभारी बीएसए ने बताया कि उन्होंने यह कार्रवाई वित्त एवं लेखाधिकारी से हुई वार्ता के बाद की है जिसमें वित्त एवं लेखाधिकारी ने जिले में कार्यरत शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का जुलाई माह का वेतन बिना कोविड-19 वैक्सीनेशन प्रमाण-पत्र दिखाए जारी न करने के लिए कहा गया था।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 05:24 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 05:24 PM (IST)
वैक्‍सीनेशन सर्टिफिकेट के चक्‍कर में आगरा में रुका 10 हजार शिक्षकों और कर्मचारियों का वेतन
आगरा में 10 हजार शिक्षकों एवं कर्मचारियों का वेतन रुक गया है।

आगरा, जागरण संवाददाता। बेसिक शिक्षा विभाग के 10 हजार शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन अटक गया है। दरअसल तय ये हुआ था कि शिक्षक एवं कर्मचारियों को अपना कोविड वैक्‍सीनेशन प्रमाण पत्र जमा कराना होगा, उसके बाद ही वेतन जारी किया जाएगा। प्रभारी जिला बेसिक शिक्षाधिकारी (बीएसए) ब्रजराज सिंह ने आदेश जारी कर इस पर रोक लगा दी है। शिक्षकों व शिक्षक संगठनों में इससे आक्रोश है, वह इसे मनमानी करार दे रहे हैं।

प्रभारी बीएसए ने बताया कि उन्होंने यह कार्रवाई वित्त एवं लेखाधिकारी से हुई वार्ता के बाद की है, जिसमें वित्त एवं लेखाधिकारी ने जिले में कार्यरत शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का जुलाई माह का वेतन बिना कोविड-19 वैक्सीनेशन प्रमाण-पत्र दिखाए जारी न करने के लिए कहा गया था। उन्होंने सभी खंड शिक्षाधिकारियों को आदेश जारी किए हैं कि वह ऐसे शिक्षक व कर्मचारी की सूची तैयार करके उन्हें सौंपे, जिन्होंने वैक्सीनेशन करा लिया है या अभी तक नहीं कराया है।

कार्रवाई नहीं, यह उत्पीडऩ

प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलामंत्री बृजेश दीक्षित का कहना है कि प्रभारी बीएसए का वेतन रोकने का आदेश शिक्षकों के उत्पीडऩ जैसा है। जिले के ज्यादातर शिक्षक वैक्सीनेशन करा चुके हैं। सिर्फ वही शेष हैं, जो किसी बीमारी से ग्रसित हैं या उन्हें चिकित्सकों ने फिलहाल इसके लिए मना किया है। लेकिन विभाग ने उनसे पूछने की जगह सीधे वेतन रोकने का आदेश जारी कर दिया है। ऐसा उन्होंने किसके आदेश से किया, यह भी नहीं बताया जा रहा क्योंकि न तो शासन और न ही प्रशासन ने ऐसा कोई लिखित आदेश किया है।

chat bot
आपका साथी